दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने मायावती के खिलाफ दायर शिकायत याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। उनपर भगवान राम से अपनी तुलना का आरोप लगाया गया है।
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती मुश्किल में पड़ सकती हैं। उनके खिलाफ ऑल इंडिया रैगर महासभा के महासचिव छतर सिंह राछोया ने अदालत से एफआईआर दर्ज कराने की इजाजत मांगी है।
इस मामले में अदालत 31 जुलाई को सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अपने इलाके के डीएम के पास एप्लीकेशन लगाए। जिससे राज्य और केंद्र से केस चलाने का इजाजत मिल जाये। कोर्ट ने कहा है कि केस चलाने के लिए राज्य और केंद्र दोनों में से किसी का इजाजत लेना जरूरी है।
याचिकाकर्ता ने शिकायत की है कि मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि मायावती ने अपनी तुलना भगवान से की है। लिहाजा, मायावती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
याचिकाकर्ता राछोया ने मायावती की मूर्ति पर चल रहे विवाद के दौरान सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए उनके हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें मायावती ने कहा था कि ‘अगर राम की मूर्ति सरकारी पैसे से लग सकती है तो उनकी क्यों नहीं?’
मायावती ने मूर्तियों पर पैसे खर्च करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जवाब में दो अप्रैल को हलफनामा दाखिल किया था। जिसमें कहा गया था कि ‘मेरी मूर्तियां जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती हैं। मूर्तियों का निर्माण राज्य विधानसभा में पर्याप्त चर्चा के बाद बजट आवंटित करके किया गया था। कोर्ट विधायकों द्वारा बजट के संबंध में लिए गए निर्णय पर सवाल नहीं कर सकता। मायावती ने यह भी कहा था कि मूर्तियां जनता की इच्छा और जनादेश को दर्शाती है’।
मायावती के इसी हलफनामे में दिए गए बयान को आधार बनाकर शिकायतकर्ता छतर सिंह राछोया ने उनके खिलाफ मुकदमा दायर किए जाने की अनुमति मांगी है। जिसे तीसहजारी अदालत ने स्वीकार कर लिया है। मामले की सुनवाई 31 जुलाई को किए जाने संबंधित आदेश तीस हजारी कोर्ट के जज पुनीत नागपाल ने दिया है।
Last Updated 1, May 2019, 12:36 PM IST