नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक नकली दवा रैकेट का भंडाफोड़ किया। नकली कैंसर दवाओं के निर्माण और आपूर्ति में शामिल उत्तर पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी में स्थित एक अस्पताल के दो कर्मचारियों सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ₹100 की कीमत वाली एंटी-फंगल दवा को खाली शीशियों में भरकर पूरे देश, चीन और अमेरिका में "जीवनरक्षक" कैंसर की दवा के रूप में ₹1 से 3 लाख प्रति शीशी में बेचते थे।

पुलिस का दावा, कैंसर के नाम पर 7000 से ज्यादा नकली इंजेक्शन बेंच डाले 
दो साल से अधिक समय तक चले ऑपरेशन के दौरान आरोपियों ने 7,000 से अधिक इंजेक्शन बेचे। पुलिस के मुताबिक, पूरे ऑपरेशन के मास्टरमाइंड विफिल जैन द्वारा डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर में दो फ्लैटों में नकली दवाएं बनाई जा रही थीं, जो मेडिकल दुकानों पर काम करता था। कैंसर की नकली दवाएं उसके सहयोगी सूरज शाट द्वारा यहां दवा की शीशियों में भरी जाती थीं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शालिनी सिंह ने कहा कि दोनों फ्लैटों से 50,000 रुपये और 1,000 डॉलर नकद के साथ 197 खाली शीशियां बरामद की गईं। 

 

कई अस्पतालों में काम कर चुका है आरोपी
एक अन्य आरोपी नीरज चौहान ने गुरुग्राम के एक फ्लैट में नकली कैंसर इंजेक्शन शीशियों का बड़ा भंडार जमा कर रखा था। फ्लैट से 519 खाली बोतलें और 864 पैकेजिंग बॉक्स जब्त किए गए। नीरज चौहान, जिन्होंने कई अस्पतालों के ऑन्कोलॉजी विभाग में प्रबंधक के रूप में काम किया था, ने सस्ती दरों पर नकली कीमोथेरेपी इंजेक्शन बेचने के लिए दवाओं के अपने ज्ञान का उपयोग करके 2022 में विफिल जैन से हाथ मिलाया। नीरज चौहान के चचेरे भाई तुषार, एक लैब तकनीशियन, जो नकली दवाओं की आपूर्ति में शामिल था, को कैंसर अस्पताल के पूर्व फार्मासिस्ट परवेज के साथ गिरफ्तार किया गया है। जैन के लिए परवेज खाली शीशियों की व्यवस्था करता था। परवेज के पास से पुलिस ने 20 खाली शीशियां बरामद कीं। 

कैंसर अस्पताल दिल्ली के भी दो कर्मचारी गिरफ्तार
दिल्ली स्थित कैंसर अस्पताल के दो कर्मचारियों कोमल तिवारी और अभिनय कोहली को भी गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का कहना है कि वे जैन को अस्पताल से 5,000 रुपये में खाली शीशियां उपलब्ध कराते थे। 7 लोगों के खिलाफ मिलावटी दवाएं बेचने, धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है।

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