एक साल से अधिक समय से जारी जॉनसन एंड जॉनसन हिप इम्प्लांट विवाद में केंद्र सरकार ने सितंबर 2018 के दौरान मरीजों को 20 लाख रुपये प्रति मरीज मुआवजा देने की सिफारिश की थी।
भारत में हेल्थ सेक्टर में काम कर रही मल्टीनैशनल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन सुर्खियों में है। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वह जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ हिप इम्प्लांट मामले में पीड़ित मरीजों को दिए जाने वाले मुआवजे की रकम को जोड़ने का काम करे।
एक साल से अधिक समय से जारी जॉनसन एंड जॉनसन हिप इम्प्लांट विवाद में केंद्र सरकार ने सितंबर 2018 के दौरान मरीजों को 20 लाख रुपये प्रति मरीज मुआवजा देने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश के बाद जॉनसन एंड जॉनसन ने प्रति मरीज 25 लाख रुपये प्रति मरीज मुआवजा अदा करने की पेशकश की थी। वहीं देश में हजारों की संख्या में हिप इम्प्लांट कराने वाले पीड़ित मरीजों ने कंपनी से अंतरराष्ट्रीय मानक पर मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों के दौरान जॉनसन एंड जॉनसन की भारत में दी जा रही हिप इम्प्लांट सर्जरी गहरे विवादों में है। देश में यह सर्जरी कराने वाले लोगों को इम्प्लांट किट से फायदा नहीं हुआ जिसके चलते ज्यादातर मरीजों को रिवीजन सर्जरी के लिए एक बार फिर जॉनसन एंड जॉनसन की सेवा लेनी पड़ी। खास बात है कि रिवीजन सर्जरी के बाद भी मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जॉनसन एंड जॉनसन की हिप इम्प्लांट सर्जरी पर विवाद दुनियाभर में जारी है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने इस सर्जरी पर प्रतिबंध लगाया है क्योंकि जॉनसन एंड जॉनसन के इम्प्लांट किट में चुनौतियां है। वहीं अमेरिका में यह मामला सामने आने के बाद कंपनी के इम्प्लांट किट को प्रतिबंधित कर दिया था और मरीजों की शिकायत पर अमेरिकी कोर्ट ने 50 करोड़ रुपये तक मुआवजा देने का फैसला सुनाया था।
Last Updated Apr 8, 2019, 12:53 PM IST