नई दिल्ली।  दिल्ली शराब घोटाले मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को फटकार लगाई और कई तीखे सवाल पूछे। ‍ सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पूछा कि अगर मनी ट्रेल में मनीष सिसोदिया की भूमिका नहीं है तो मनी लांड्रिंग केस में सिसोदिया को आरोपी क्यों बनाया गया? (manish sisodia news) वहीं कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग अलग से कानून है> ऐसे में आपको यह साबित करना होगा मनीष सिसोदिया कैसे प्रॉपर्टी में शामिल रहे? इस बारे में सुप्रीम कोर्ट 12 अक्टूबर को फिर से सुनवाई करेगा।

 मनीष सिसोदिया की जमानत पर कोर्ट के सवाल 

सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने जांच एजेंसी से पूछा कि सरकारी गवाह के बयान पर कैसे भरोसा करेंगे? क्या आपने सरकारी गवाह की मनीष सिसोदिया के साथ घूस पर चर्चा देखी थी ? या फिर ये बयान कानून में स्वीकार होगा?

12 अक्टूबर को होगी मनीष सिसोदिया केस पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा आपकी दलील केवल एक अनुमान है बल्कि इसे सबूत पर आधारित होना चाहिए। ऐसे अदालत में बहस होने पर यह कैसे 2 मिनट में खत्म हो जाएगा। वहीं इस बारे में जवाब देते हुए ED ने कहा नई शराब नीति कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई थी टिकट बुकिंग होटल बुकिंग इसका सबूत हैं।  मामले की सुनवाई अब 12 अक्टूबर को होगी।

मनीष सिसोदिया को मनी लांड्रिंग के केस में लाने पर SC की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा ऐसा बिल्कुल नहीं लगता की मनीष सिसोदिया इस केस में सम्मिलित है। हालांकि विजय नायर की इस मामले में भूमिका है तो सिसोदिया को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत कैसे लाया गया? कोर्ट ने यह भी कहा कि उनके पास पैसा नहीं जा रहा है‌। कोर्ट का कहना था शराब नीति में बदलाव हुआ और व्यापार के लिए अच्छी नीतियों का समर्थन होता है,नीति में बदलाव गलत होने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि अगर यह गलत भी है लेकिन इसमें पैसा शामिल नहीं है तो यह कोई अपराध नहीं है। पैसा वाला हिस्सा अपराध बनता है। क्या पैसों का लेनदेन हुआ था क्या रिश्वत दी गई थी?

लंबे वक्त से जेल में बंद हैं मनीष सिसोदिया

गौरतलब है, डिप्टी सीएम रहते हुए मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। जिसमें उन पर कथित घोटाले का आरोप था। जांच एजेंसी ने लंबी पूछताछ के बाद 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल अभी भी वह जेल में है जांच एजेंसी का आरोप है कि आबकारी विभाग के मंत्री रहते हुए मनीष सिसोदिया ने मनमाने और एक तरफा फैसला लिए जिस खजाने को नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ। 

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