नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 फरवरी को डा राजेंद्र भाटी आत्महत्या के प्रकरण में दोषी करार दिया है। उन्हें धारा 306 और 120बी के तहत दोषी ठहराया है। लोकसभा चुनाव से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल को इसे बडे झटके के रूप में देखा जा रहा है। दोषियों की सजा के मुद्दे पर सुनवाई के लिए अदालत ने 13 मार्च तय की है। दरअसल विधायक प्रकाश जारवाल पर डा राजेंद्र भाटी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगे थे। इस मामले में प्रकाश जारवाल दोषी पाए गए। वर्ष 2021 में कोर्ट के एक अन्य बेंच ने आप विधायक के खिलाफ आरोप तय किए थे।

चार साल पहले का है प्रकरण
डा राजेंद्र भाटी आत्महत्या के प्रकरण चार साल पहले यानी वर्ष 2020 का है। 18 अप्रैल 2020 को दुर्गा विहार में रहने वाले डॉक्टर ने आत्महत्या कर लिया था। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में आप विधायक प्रकाश जारवाल को जिम्मेदार बताया गया। जिसके बाद पुलिस की तफ्तीश में जारवाल और उसके साथियों के खिलाफ जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया।

टैंकर सप्लाई का काम करते थे राजेंद्र
खबरों के मुताबिक मृतक डॉ राजेंद्र भाटी का टैंकर सप्लाई का कारोबार करते थे। आरोप है कि टैंकर सप्लाई के कारोबार में विधायक की ओर से जबरन वसूली की गई और उन्हें परेशान किया गया। जिसके चलते उन्हें मजबूरन में आत्महत्या करना पड़ा। सुसाइड नोट में भी प्रकाश जारवाल को ही जिम्मेदार बताया गया।

स्पेशल जज ने विधायक समेत तीन को दोषी करार दिया
स्पेशल जज एम के नागपाल ने देवली से विधायक और दो अन्य के खिलाफ मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाया। अभियोजन के केस के मुताबिक जारवाल और उनके साथी मृतक सहित अन्य टैंकर मालिकों से जबरन वसूली करते थे। मृतक के बेटे हेमंत सिंह की शिकायत पर देवली विधानसभा इलाके के विधायक को जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 9 मईए 2020 में गिरफ्तार किया गया था। जून 2020 में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह जेल से छूटे थे।

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