नई दिल्ली। 1 अप्रैल दिन सोमवार के साथ नए वित्तीय वर्ष 2024-25 की शुरूआत हो गई है। आज से टैक्स व्यवस्था, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), बीमा और म्यूचुअल फंड (एमएफ) के कायदे कानून चेंज हो रहे हैं। ये नियम सीधा आपकी जेब पर असर डालेंगे।

न्यू टैक्स रिजीम अब डिफॉल्ट
अब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए न्यू टैक्स रिजीम ही डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था होगी। टैक्सपेयर अपने फायदानुसार ओल्ड टैक्स रिजीम भी चुन सकते हैं। कोई व्यक्ति किसी टैक्स रिजीम का चुनाव नहीं करता है तो उसका ITR नए टैक्स रिजीम के तहत ही तय किया जाएगा।

वित्त वर्ष 2023-24 के अनुरूप नए वित्तीय वर्ष के लिए आयकर स्लैब अपरिवर्तित 

  • 0 रुपये से 3,00,000 रुपये तक की आय को कर से छूट।
  • 3,00,001 रुपये से 6,00,000 रुपये तक की आय स्लैब पर 5 प्रतिशत।
  • 6,00,001 रुपये से 9,00,000 रुपये तक 10 प्रतिशत।
  • 9,00,001 रुपये से 12,00,000 रुपये तक 15 प्रतिशत।
  • 12,00,001 से 15,00,000 रुपये तक 20 प्रतिशत।
  • 15,00,000 रुपये और इससे अधिक पर 30 प्रतिशत।

नई कर व्यवस्था मिलेंगे ये लाभ

  • यात्रा और किराए की रसीदों का रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता नहीं।
  • बुनियादी छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दी गई है।
  • कर योग्य सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया।
  • सरचार्ज दरें 37 से घटाकर 25 फीसदी हो गई हैं।.ये दरें 5 करोड़ से अधिक आय वालों के लिए लागू हैं।

NPS हुआ और सुरक्षित
नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन से  टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन लागू हो जाएगा। यूजर्स को आधार सत्यापन और मोबाइल पर आए ओटीपी के जरिए NPS खाते में लॉग-इन करना होगा। जिसके बाद से यह और सुरक्षित हो जाएगा।

EPF खाता ट्रांसफर हुआ आसान 
अब नौकरी चेंज करने के बाद ईपीएफ अकाउंट ऑटोमेटिक मोड में ट्रांसफर हो जाएगा। यानी पीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराने के लिए यूजर्स को ईपीएफओ में आवेदन नहीं करना होगा।

इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में बीमा
1 अप्रेल से बीमा पॉलिसियां भी डिजिटल फार्मेंट में जारी होंगी। इरडा ने बीमा पॉलिसियों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में बदलने को अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए पॉलिसीधारकों के पास एक सिक्योर ऑनलाइन ई-इंश्योरेंस अकाउंट होगा, जिससे लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस जैसी तमाम पॉलिसियों को मैनेज करने में आसानी होगी। 

पॉलिसी सरेंडर वैल्यू के नियम भी बदले
अब जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करने पर उसकी वैल्यू इस पर निर्भर करेगी कि कितने वर्षों बाद पॉलिसी  सरेंडर की जा रही है। उसी के आधार पर ग्रेडेड सरेंडर वैल्यू लागू होगी। जितनी अधिक अवधि के लिए पॉलिसी रखी जाएगी, सरेंडर वैल्यू उतनी ज्यादा होगी।

SBI ने डेबिट कार्ड का मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाया
SBI ने अपने सभी डेबिट कार्ड के सालाना मेंटेनेंस चार्ज में 75 रुपए का इजाफा कर दिया है। आज से  इसके क्रेडिट कार्ड के जरिए मकान का किराया भुगतान करने पर रिवॉर्ड अंक मिलना बंद हो जाएगा।  एक्सिस बैंक 20 अप्रैल से यह व्यवस्था लागू करेगा।

ये भी होंगे बदलाव

  • बिना KYC अपडेट वाले फास्टैग बंद हो जाएंगे।
  • पैन-आधार लिंक नहीं है तो पैन डिएक्टिवेट हो जाएगा, पैन को आधार से लिंक करने के लिए 1,000 रुपए जुर्माना देना होगा।

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