नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने 01 मार्च को जेल में बंद बलात्कार के दोषी आसाराम बापू को उसके खिलाफ सजा पर रोक लगाने के अनुरोध के साथ राजस्थान उच्च न्यायालय में लौटने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट को मामले की सुनवाई करने का भी आदेश दिया।

आसाराम के वकील ने आयुर्वेद दवाओ की मांगी थी अनुमति
आसाराम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी अनुरोध किया कि उनके मुवक्किल को महाराष्ट्र में पुलिस हिरासत के दौरान आयुर्वेदिक उपचार लेने की अनुमति दी जाए। इसके बाद अदालत ने वकील से कहा कि वह इस अनुरोध को भी राजस्थान उच्च न्यायालय में ले जाएं।

पिछले साल भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत याचिका
सितंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने उन्हें 2022 में जमानत देने से इनकार किया था।
आसाराम के वकील ने राहत की मांग करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल पिछले नौ साल से जेल में है और वह 80 साल से अधिक उम्र का है। आसाराम कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित है।

10 साल से जेल में रेप की सजा भुगत रहा है आसाराम
अप्रैल 2018 में राजस्थान के जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग से बलात्कार का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसी मामले में अदालत ने उसके दो सहयोगियों को 20 साल जेल की सजा सुनाई थी। जनवरी 2023 में उसे 2013 में गुजरात के एक आश्रम में सूरत की एक महिला से बलात्कार का भी दोषी ठहराया गया था। आसाराम उन्ही दोनों प्रकरणों में सजा काट रहा है। 80 साल की उम्र में भी उसे शीर्ष अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। इससे पहले भी उसके अधिवक्ता ने जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

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