कारोबारी अनिल अंबानी से जुड़े एक मामले में क्राइम ब्रांच ने एक अप्रत्याशित कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर अदालत में काम करने के दौरान अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के गंभीर आरोप हैं। आरोप है कि दोनों ने अदालत का आदेश वेबसाइट पर अपलोड करते समय उसमें बदलाव किया और अनिल अंबानी को व्यक्तिगत पेशी से छूट की बात लिखी, जबकि कोर्ट ने इसके उलट आदेश दिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मामला सामने आने के बाद दोनों कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।

क्राइम ब्रांच के मुताबिक,  पूर्व असिस्टेंट रजिस्ट्रार मानव शर्मा और तपन कुमार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था। अधिकारी ने कहा, 'जांच के दौरान हमें दोनों आरोपियों  के खिलाफ स्पष्ट साक्ष्य मिले हैं। पूछताछ के दौरान दोनों जांचकर्ताओं को संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। इसके बाद हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अब उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।'

ये मामला अनिल अंबानी द्वारा स्वीडिश टेलीकॉम कंपनी एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने तय समय पर पैसा जमा करने का आदेश दिया था। लेकिन राशि जमा होने से पहले ही इस तरह का मामला सामने आया था कि कोर्ट में ही कुछ लोगों ने अनिल अंबानी को लेकर दिए आदेश में बदलाव किया। जांच के बाद दोनों रजिस्ट्रारों का नाम सामने आया था, चीफ जस्टिस ने इन्हें बर्खास्त किया था और क्राइम ब्रांच को इनके खिलाफ केस चलाने का आदेश दिया था।

दरअसल, इस मामले में जस्टिस आर एफ नरीमन और विनीत सरन ने अनिल अंबानी को स्वीडिश टेलीकॉम कंपनी की ओर से दायर अवमानना याचिका के मामले व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड आदेश में पेशी से छूट मिलने की बात कही गई। इसके बाद अनिल अंबानी कोर्ट में पेश नहीं हुए। बाद में अदालत के आदेश को सुधार के साथ फिर से वेबसाइट पर डाला गया।