दुर्दांत आतंकी संगठन अल कायदा स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली को दहलाने की फिराक में हैं। पांच आतंकी दिल्ली में घूम रहे हैं। यह खुलासा जम्मू में पकड़े गए आतंकी इरफान हुसैन वानी ने पूछताछ के दौरान किया है। वह जाकिर मूसा के आतंकी संगठन अंसार गजवा उल हिंद से जुड़ा है। इस संगठन को भारत में अल कायदा का चेहरा कहा जाता है। खुद अल कायदा के सूचना नेटवर्क 'ग्लोबल इस्लामिक मीडिया फ्रंट' ने इसका ऐलान किया था। हिजबुल मुजाहिदीन का पूर्व कमांडर जाकिर मूसा अल कायदा का भारत में पहला कमांडर है। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 5 अगस्त को रात करीब 11 बजे दिल्ली जाने वाली बस में सवार होने से पहले 21 साल के इरफान वानी को गिरफ्तार किया था। वह कुछ दिन से जम्मू के एक होटल में ठहरा हुआ था। अवंतीपोरा के डांगर पोरा के रहने वाला वानी स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली में एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए तबाही का सामान पहुंचाने जा रहा था। जम्मू में 8 जिंदा ग्रेनेड के साथ पकड़े गए इरफान हुसैन वानी ने श्रीनगर के सरकारी डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू पुलिस को अलर्ट किया और इसके बाद वानी को दिल्ली जाने वाली बस में सवार होने से पहले ही पकड़ लिया गया

'माय नेशन' को सूत्रों से पता चला है कि वानी को ये ग्रेनेड जम्मू में ही किसी शख्स ने दिए थे। सूत्रों की मानें तो जाकिर मूसा ग्रुप के पांच आतंकी पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। वे दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के आसपास बड़ी आतंकी वारदात करने की फिराक में हैं। वानी से जम्मू में दिल्ली पुलिस की एक टीम भी अज्ञात जगह पर पूछताछ कर रही है, ताकि इस साजिश का पूरी तरह खुलासा किया जा सके। वानी गजवा उल हिंद के दो शीर्ष कमांडरों के सीधे संपर्क में था। इनमें जाकिर मूसा का खास रेहान भी शामिल है। 

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