मुबंई। महाराष्ट्र में सियासी दांवपेंच तेजी से चल रहे हैं। किसी को समझ नहीं आ रहा है कि विपक्ष का अगला निशाना क्या होगा या फिर सत्ता पक्ष को कौन सी नई चाल से विपक्ष को रूबरू होना होगा। आज दिनभर की राजनीतिक गतिविधियों के बाद एनसीपी नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भाजपा सरकार को भी बड़ा झटका दिया है। अजित पवार अहम माने जाने वाली मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बैठक से नदारद थे। जबकि इस बैठक में उनकी मौजूदगी काफी अहम मानी जा रही थी। क्योंकि इसके जरिए भाजपा अपने विरोधियों को संदेश देना चाहती थी।

महाराष्ट्र में राज्यपाल की हरी झंडी मिलने के बाद राज्य में देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। राज्यपाल ने नई सरकार को 30 नवंबर तक समय समय दिया है। जिसमें भाजपा को अपना सदन में बहुमत साबित करना करना है। हालांकि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिस पर सुनवाई मंगलवार को होगी। लेकिन आज राज्य में दिनभर राजनैतिक उठापटक चलती रही। दोनों दलों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए।

लेकिन आज सबसे अहम बात ये रही कि बागी एनसीपी के नेता अजित पवार ने एनसीपी के नेताओं के साथ मुलाकात की जबकि उन्होंने सीएम देवेन्द्र फडणवीस की बुलाई गई बैठक से दूरी बना कर रखी। हालांकि भाजपा इसके जरिए विपक्षी दलों को संदेश देना चाहती थी। लेकिन डिप्टी सीएम अजित पवार के नहीं पहुंचने से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि बैठक में उनकी कुर्सी खाली रही। फिलहाल अब इस तस्वीर के मीडिया में आने के बाद अजित पवार की गैरमौजूदगी पर सवाल उठने लगे हैं।

क्योंकि जिस तरह से एनसीपी में अजित पवार को मनाने की कोशिश चल रही है। उसे भाजपा भी डरी हुई है। असल में आज सीएम देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ अहम बैठक थी। जिससे अजित पवार से दूरी बनाकर रखी। हालांकि राजनैतिक चर्चा ये भी है कि कोई रास्ता ने देख अजित पवार वापस एनसीपी के तरफ रूख कर सकते हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अजित पवार ने सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाकर रखी है।