उद्धव ठाकरे ने अयोध्या में रविवार को रामलला के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ, तो केंद्र की भाजपा सरकार सत्ता में नहीं रह पाएगी। उन्होंने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक अध्यादेश लाने की भी मांग की।
मुंबई-- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने रविवार को कहा कि राम मंदिर कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। साथ ही, उन्होंने आशा जताई कि अयोध्या में मौजूद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को भगवान राम का आशीर्वाद मिलेगा।
फड़णवास ने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र में सहयोगी पार्टी शिवसेना अगले साल होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में तथा आगामी लोकसभा चुनाव में साझेदार बनी रहेगी।
उद्धव ठाकरे ने अयोध्या में रविवार को रामलला के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ, तो केंद्र की भाजपा सरकार सत्ता में नहीं रह पाएगी। उन्होंने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक अध्यादेश लाने की भी मांग की।
फड़णवीस ने महाराष्ट्र में सतारा जिले के कराड में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण राजनीतिक मुद्दा नहीं है। श्री राम समूचे भारत के लिए देवता हैं, ठाकरे को भी उनका आशीर्वाद मिलेगा।’’
उन्होंने महाराष्ट्र के प्रथम एवं दिवंगत मुख्यमंत्री वाई बी चव्हाण के स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद यह टिप्पणी की।
इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख रावसाहेब दानवे ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के विषय पर शिवसेना का रूख भाजपा का समर्थन करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पार्टियां अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ेंगी।
दानवे ने जालना जिले में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि शिवसेना ने हाल ही में भाजपा का समर्थन किया है, बल्कि हम दशकों से एक साथ रहे हैं।’’ शिवसेना ने राम मंदिर निर्माण के लिए 2019 से पहले एक अध्यादेश लाने की मांग की है।
दानवे ने कहा, ‘‘मंदिर या मस्जिद से जुड़ा विवाद अदालत में है। इसलिए, सत्ता में होने के बावजूद कुछ कर पाने के लिए सरकार की सीमाएं हैं।’’
जालना से लोकसभा सदस्य ने कहा कि अयोध्या का दौरा करने जैसी गतिविधि के दौरान कुछ नारे लगाने होते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमारे बीच एक दूसरे से गंभीर मतभेद है।
उन्होंने कहा कि वोटों का बंटवारा रोकने के लिए शिवसेना आम चुनाव और विधानसभा चुनाव में हमारी साझेदार होने वाली है। गौरतलब है कि शिवसेना ने इससे पहले कहा था कि वह आगामी चुनाव अकेले लड़ेगी।
Last Updated Nov 25, 2018, 7:41 PM IST