लखनऊ।  पिछले दिनों से शुरू हुआ घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी में लोकतंत्र और अध्यक्ष के चुनाव को लेकर दो गुट बन गए हैं।  जहां एक गुट  पार्टी में लोकतंत्र स्थापित करने की मांग कर रहा है वहीं दूसरा गुट गांधी परिवार पार्टी की कमान सौंपने के पक्ष में है।  वहीं सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले जितिन प्रसाद ने भी सोनिया को लिखी चिट्ठी में हस्ताक्षर किए हैं। वहीं अब स्थानीय स्तर पर प्रसाद का विरोध कांग्रेस कार्यकर्ता कर रहे हैं और उन्हें पार्टी से बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस में जितिन प्रसाद के विरोधियों का कहना है कि कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी जब अस्पताल में भर्ती थीं तक इन  23 नेताओं ने गांधी-नेहरू परिवार पर कटाक्ष कर पत्र लिखा था। उनका कहना है जितिन प्रसाद को कांग्रेस से निष्कासित करना चाहिए। क्योंकि ये पार्टी के खिलाफ बगावत है। फिलहाल अब स्थानीय स्तर पर जितिन प्रसाद का विरोध शुरू होना शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में जितिन प्रसाद के खिलाफ पार्टी कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की हुई और उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव भी पास किया गया।

असल में कांग्रेस कार्यालय में लखीमपुर खीरी लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद जफर अली नकवी गुट जितिन  प्रसाद को पार्टी से बाहर करने की मांग की।  नकवी गुटका कहना जितन प्रसाद को पार्टी से बाहर करना चाहिए और स्थानीय लोगों ने धौरहरा लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के खिलाफ पार्टी कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिस वक्त सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती थीं उस वक्त कांग्रेस के जिन 23 नेताओं ने ये चिट्ठी लिखी और इसमें पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद के भी हस्ताक्षर थे।

गांधी परिवार का विरोधी है प्रसाद परिवार

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि जितिन प्रसाद को पार्टी से निष्कासित किया जाए। उनका कहना है कि पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद का परिवार हमेशा से ीह गांधी परिवार के खिलाफ रहा है।  जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद ने भी सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ कर बगावत से  संकेत दिए थे। इसके बावजूद सोनिया गांधी ने जितिन प्रसाद को लोकसभा का टिकट दिया और केन्द्र में मंत्री बनाया।