कोलकाता। पश्चिम बंगाल और केन्द्र सरकार की राजनीति में बंगाल प्रवासी मोहरा बन गए हैं। राज्य सरकार इन प्रवासियों को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रही है। जबकि इन प्रवासियों को लाने के लिए विभिन्न राज्यों में ट्रेन तैयार हैं। लेकिन ममता सरकार ट्रेनों को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रही हैं। देश के विभिन्न राज्यों  में दो लाख से ज्यादा प्रवासी फंसे हुए हैं।

इसके इसके लिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य की सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। शाह ने ममता को  विभिन्न हिस्सों से विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों के लिए चलाई जा रही 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि श्रमिक विभिन्न राज्यों में फंसे हैं और वह अपने घरों में वापस जाना जाते हैं। शाह ने पत्र में कहा कि केंद्र ने दो लाख से अधिक प्रवासियों श्रमिकों तक पहुँचने की व्यवस्था की है।

शाह ने कहा है कि पश्चिम बंगाल तक ट्रेनों को नहीं पहुंचने देना राज्य के प्रवासी कामगारों के साथ "अन्याय" है। ममता को लिखे पत्र में अमित शाह ने लिखा, "केंद्र सरकार ने घर पहुंचने के लिए दो लाख से ज्यादा प्रवासियों को सुविधा दी है। पश्चिम बंगाल के प्रवासी भी घर पहुंचने के लिए उत्सुक हैं। केंद्र सरकार सुविधा दे रही है, लेकिन हमें पश्चिम बंगाल का अपेक्षित समर्थन नहीं मिल रहा है। जिसके कारण प्रवासी राज्यों में फंसे हैं।  

कोरोनोवायरस संकट के दौरान राज्य की सीएम ममता बनर्जी केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ममता ने पिछले दिनों केन्द्रीय टीम को लेकर भी केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया। जबकि केन्द्र राज्य ने अन्य राज्यों में भी टीम  भेजी। कोरोनोवायरस महामारी की शुरुआत में पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य को केंद्र की सिफारिशों को एक और राजनीतिक से प्रेरित बताया।  राज्य सरकार ने केन्द्र पर आरोप लगाया कि वह राज्य सरकार को बदनाम करने की  कोशिश कर रही हैं। राज्य में कोरोना के कारण 1678 लोग संक्रमित हैं और 160 लोगों की मौत कोरोना से हुई है।