सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की संवैधानिकता को बरकरार रखा है। आधार की जरुरत को 31 अदालत में 31 याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई थी। जिसकी वजह से यह देश का बहुत चर्चित मामला बन गया था। अदालत में इसपर लगभग चार महीने तक बहस चली।
खास बात यह है कि आधार को यूपीए सरकार लेकर आई थी, लेकिन एनडीए सरकार ने इसे कई तरह के संशोधनों के साथ लागू किया। आइए आपको बताते हैं, कि यूपीए और एनडीए के आधार में फर्क क्या है-

-    यूपीए सरकार के समय आधार को वैधानिक जामा नहीं पहनाया गया था। इसका उद्देश्य भी स्पष्ट नहीं था। यह मात्र एक पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था।
-    लेकिन एनडीए सरकार के समय इसका उद्देश्य स्पष्ट किया गया। इसके साथ जनहित की 260 योजनाएं जोड़ी गईं। जैसे- जनवितरण प्रणाली, मनरेगा, जनधन योजना, पेंशन स्कीम वगैरह। इसे भीम एप्प के साथ जोड़ा गया। आधार को जीवन प्रमाण से जोड़ने से बुजुर्गों की मुश्किल कम हुई।

-    यूपीए सरकार के शासनकाल में बिना किसी उद्देश्य के आधार पर हजारो करोड़ रुपए खर्च किए गए।
-    एनडीए सरकार के शासनकाल में आधार के जरिए नकली लोगों की पहचान करने से सरकार के 90(नब्बे) हजार करोड़ रुपयों की बचत हुई।
 
-    पहले की सरकार में बिना किसी निजता सुरक्षा या डाटा सुरक्षा के आश्वासन के  125(सवा सौ) करोड़ लोगों का बायोमीट्रिक डाटा जमा किया गया।
-    इस बार नई नीति के तहत निजता सुरक्षा और डाटा सिक्योरिटी की मजबूत व्यवस्था की गई।

-    यूपीए सरकार के समय 31 मई 2014 तक 63.22 करोड़ ही आधार कार्ड बन पाए थे।
-    एनडीए सरकार के शासनकाल के चार वर्षों में 99.9 फीसदी व्यस्कों का आधार कार्ड बनकर तैयार हो गया है, जो कि 122 करोड़ से भी ज्यादा है।  

और आइए अब आपको बताते हैं, कि कैसे आधार कार्ड ने आम आदमी का जीवन आसान कर दिया है-
-    आधार कार्ड के जरिए 22.18 करोड़ लोग गैस सिलेंडर पर सरकारी सब्सिडी हासिल कर रहे हैं।
-    19.25 करोड़ परिवार आधार के जरिए खाद्यान्नों पर सब्सिडी हासिल कर रहे हैं।
-    मनरेगा कार्यक्रम में 10.13 करोड़ लोगों का पैसा सीधा बैंक अकाउंट में पहुंच रहा है। आधार ने मनरेगा दलालों का पूरा नेटवर्क खत्म कर दिया है।
-    आधार की वजह से 1.92 करोड़ बुजुर्गों का जीवन आसान हुआ है।
-    1.36 करोड़ पासपोर्ट आधार से जोड़े गए।
-    21 करोड़ पैन कार्ड्स को आधार से जोड़ दिया गया।
-    2014 से अब तक 1.73 करोड़ पेशनधारकों का जीवन प्रमाण पत्र आधार से जोड़ा गया।
-    प्रोविडेंट फंड को आधार कार्ड से जोड़कर 4.73 करोड़ यूनिवर्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर बनाए गए।
-    आधार कार्ड से जोड़कर 1.52 डिजीटल लॉकर तैयार किए गए, जिसमें 2.04 करोड़ दस्तावेज रखे गए हैं।