कांग्रेस के फायरब्रांड नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल लोकसभा सीट से लड़ रही उनकी प्रतिद्वंदी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ खामोश हैं। जबकि साध्वी प्रज्ञा दिग्गी राजा को कठघरे में खड़ा कर रही है, लेकिन दिग्गी राजा खामोश होकर सब सुन रहे हैं और कई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। यहीं नहीं वोटों के ध्रुवीकरण को रोकने के लिए दिग्विजय सिंह ने मुस्लिमों से भी दूरी बनानी शुरू कर दी है और वह मंदिरों के दर्शन कर अपने को हिंदू साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।

दो दिन पहले ही बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भोपाल से लोकसभा की टिकट दिया है और वह बड़ी आक्रामकता के साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह पर आरोप लगा रही ही हैं। लेकिन दिग्विजय उनके खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोल रहे हैं। असल में दिग्विजय सिंह को डर है कि साध्वी की खिलाफ बोलने के कारण भोपाल ही नहीं राज्य की सभी सीटों पर वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है। लिहाजा दिग्विजय सिंह ने चुप्पी साधी हुई है। कांग्रेस की भी यही रणनीति है कि किसी भी तरह राज्य में वोटों का ध्रुवीकरण रोका जाए।

हालांकि दिग्विजय सिंह कुछ नहीं बोल रहे हैं लेकिन वह इसका जवाब वह कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के जरिए दे रहे हैं जो प्रज्ञा ठाकुर और आरएसएस के खिलाफ निरंतर अभियान चला रही है। बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत कांग्रेस और दिग्विजय सिंह पर जबरदस्त दबाव बनाया हुआ है। सोशल मीडिया के जरिए प्रज्ञा ठाकुर की उत्पीड़न की सच्चाई बतायी जा रही है। सोशल मीडिया के जरिए ये बताया जा रहा है कि किस तरह के कांग्रेस सरकार ने प्रज्ञा ठाकुर को मालेगांव धमाके में आरोपी बनाया और उनको यातना दी।

इसमें दिग्विजय सिंह की किस तरह की भूमिका थी। प्रज्ञा ठाकुर भी मध्य प्रदेश के भिण्ड जिले की रहने वाली हैं। प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी घोषित करने के बाद दिग्विजय सिंह ने मुस्लिम नेता से दूरी बना ली है। ताकि बीजेपी इसे प्रसारित न सके और वोटों का ध्रुवीकरण न हो। दिग्विजय नहीं ने ही हिंदू आतंकवाद की परिभाषा दी थी। लिहाजा बीजेपी और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कांग्रेस और दिग्विजय सिंह को घेर रही हैं। दिग्विजय मंदिरों में जा रहे हैं और कांग्रेस की सोशल मीडिया की टीम इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रही है। अपने प्रचार में दिग्विजय ये भी कहना नहीं भूलते हैं कि वह बड़े हिंदू हैं।