नई दिल्ली। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के बीच दूरी बढ़नी शुरू हो गई हैं। इमरान खान के बयानों को लेकर पाकिस्तानी सेना के नाराज होने की खबर आ रही है। हालांकि कल ही पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ आयशा सिद्दीकी ने कहा कि पाकिस्तान की सेना का एक धड़ा कश्मीर पर इमरान खान के स्टैंड पर सवाल उठा रहा है। 

इमरान खान सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर पाकिस्तानी सेना और सरकार के बीच में मतभेद होने की खबर आ रही है। कहा जा रहा है कि सेना इमरान खान के कश्मीर मामले पर लिए गए स्टैंड को लेकर नाराज है। हालांकि अभी तक किसी ने इस तरह की बात खुलेतौर पर नहीं कही है।

लेकिन पाकिस्तानी सेना के ज्यादातर अफसर इमरान से नाराज बताए जा रहे हैं। जम्मू  कश्मीसर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इमरान खान अनाप शनाप बयान दे रहे  हैं। जिसको लेकर सेना नाराज है। माना जा रहा है कि सेना किसी ठोस कार्यवाही करने के लिए इमरान पर दबाव बना रही है।

हालांकि इमरान खान और सेना के बीच पैदा हो रहे मतभेद की पुष्टि पाकिस्तान लेखक और रक्षा मामलों की जानकार आयशा सिद्दीकी का बयान भी करता है। जिसमें आयशा ने कहा था कि सेना का एक धड़ा कश्मीर मामले पर इमरान खान से नाराज चल रहा है। आयशा ने कहा कि पाकिस्तान की सेना के पास इतनी ताकत नहीं है कि वह भारत से युद्ध कर सके। 

हकीकत तो ये है कि पाकिस्तान में पीएम इमरान खान हैं, लेकिन ज्यादातर फैसले सेना ही लेती है। यहां तक की कहा जाता है कि पिछले साल पाकिस्तान में हुए चुनाव में सेना ने इमरान की पार्टी पीटीआई की मदद की थी।

पाकिस्तानी सेना इस बात को लेकर भी नाराज है कि इमरान खान दुनिया के सामने अपना डर दिखा रहे हैं। इमरान खान ने 14 अगस्त को गुलाम कश्मीर की एसेंबली में कहा था कि भारत पीओके  में बालाकोट से भी बड़ा हमला कर सकता है। इसे पाकिस्तानी सेना अपनी तौहीन समझ रही है।

हालांकि जब बालाकोट में भारत ने एयर स्ट्राइक की थी तभी सेना इमरान खान के बयानों से नाराज थी। सेना का कहना था कि वहां पर किसी की मौत नहीं हुई है। जबकि बाद में इमरान खान ने कबूल किया था कि वहां पर आतंकी कैंपों में आतंकियों की मौत हुई।

पिछले दिनों अमेरिका की यात्रा के दौरान इमरान खान ने माना था कि पाकिस्तान में कई आतंकी गुट मौजूद है और देश में 40 हजार आतंकी मौजूद है। असल में पाकिस्तानी सेना ही आतंकियों को ट्रेनिंग देती है। लिहाजा इमरान खान के इस बात को स्वीकार करने से पाकिस्तानी सेना की किरकिरी हुई है।