बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने आज रांची कोर्ट में समर्पण कर दिया। लालू यादव चारा घोटाले से जुड़े मामले में सजा काट रहे हैं और वह 10 मई को अपने बेटे तेजप्रताप यादव की शादी के लिए बाहर आए थे, जिसके बाद अब करीब 110 दिन बाद वह दोबारा जेल में आए हैं। हालांकि लालू यादव ने बीमारी के आधार पर अपनी जमानत अवधि बढ़ाने के लिए याचिका डाली थी। लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।

इसके पीछे सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका बताई जाती है। जहां पर कुछ ऐसी तस्वीरें सर्कुलेट हुई थीं। जिसमें लालू यादव बिस्तर पर लेटे हुए हैं। लेकिन उनके आसपास कोई मेडिकल उपकरण नहीं लगे हुए हैं। जिससे साफ पता चलता है कि लालू के स्वास्थ्य का मामला इतना गंभीर नहीं है। इसको लेकर लोगों ने लालू को ट्रोल करना शुरु कर दिया था। ट्रोलर्स का साफ कहना था, कि लालू सिर्फ जेल जाने से बचने के लिए बीमारी का बहाना कर रहे  हैं।

फिलहाल लालू को कोर्ट से जेल ले जाया गया। इसके बाद उन्हें रिम्स अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है।

सरेंडर करने से पहले लालू यादव ने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, जो भी कोर्ट का आदेश होगा वह उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी कोई इच्छा नहीं है. हालांकि, लालू ने कहा कि रिम्स अस्पताल में सुविधाओं की कमी है,वहां पर इन्फेक्शन फैला हुआ है। लालू यादव, पिछले कई दिनों से जमानत पर थे, वह मुंबई में अपना इलाज करा रहे थे। 

 

इससे पहले लालू झारखंड हाईकोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झटका देते हुए 30 अगस्त तक सरेंडर करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। 

 कोर्ट ने लालू यादव की तरफ से दी गई उस अपील को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने बीमारी के आधार पर जमानत की अवधि तीन महीने बढ़ाने की अपील की थी।

सुनवाई के दौरान अभियोजना पक्ष ने हाईकोर्ट में कहा था कि लालू यादव मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट से लालू इलाज कराकर आने के बाद अपने घर चले जाते हैं और वह अपनी जमानत का गलत फायदा उठा रहे हैं।