कोलकाता: यहां के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में ईलाज के दौरान 80 साल के एक बुजुर्ग मो. सईद की मृत्यु हो गई। जिसके बाद 100-150 लोगों की भीड़ ने अस्पताल पर धावा दिया और ईंट पत्थरों से डॉक्टरों पर जानलेवा हमला किया। 

डॉक्टरों की इतनी बुरी तरह पिटाई की गई कि एक जूनियर डॉक्टर अभी तक कोमा में है। 

इस घटना के विरोध में देश के लगभग सभी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। जिसकी वजह से कोलकाता से लेकर मुंबई और नई दिल्ली तक डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को मुश्किल झेलनी पड़ रही है। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने अखिल भारतीय विरोध दिवस घोषित किया है। दिल्ली मेडिकल असोसिएशन के अलावा पटना और रायपुर एम्स के डॉक्टर भी हड़ताल को समर्थन दे रहे हैं। वाराणसी के बीएचयू में भी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। 

दिल्ली, पंजाब, केरल, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में भी डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया है।

पश्चिम बंगाल में दर्जनों डॉक्टर दे चुके हैं इस्तीफा

पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज चौथा दिन है। एनआरएस मेडिकल कॉलेज की घटना के विरोध में पूरे बंगाल में अब तक 96 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। सागर दत्ता मेडिकल कमरहाटी से 14,बीरभूम जिला अस्पताल से 14, नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज सिलिगुड़ी से 5 और एनआरएस मेडिकल कॉलेज से 2 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने गुरुवार दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अल्टिमेटम को नहीं माना। 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को हड़ताली डॉक्टरों से मिलने पहुंची थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें गालियां दीं। उन्होंने कहा कि 'मैं इमरजेंसी सेक्शन में गई थीं, जहां वे मुझसे बात कर सकते थे। लेकिन जब मैं थी तो उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने मुझे गालियां दीं। अगर मेरी जगह कोई और होता, तो कुछ और कार्रवाई होती। लेकिन मैंने उन्हें माफ कर दिया। वे मेरा विरोध कर सकते हैं, वे मुझे गालियां दे सकते हैं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि वे युवा हैं। मैं केवल यही चाहती हूं कि वे काम फिर से शुरू करें।'

लेकिन हड़ताली डॉक्टरों की मांग है कि ‘उन्हें उचित सुरक्षा मिले और सभी अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात हों। साथ ही एनआरएस अस्पताल में शनिवार को हुए हमले में शामिल अपराधियों को गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया जाए।' 

कोलकाता पुलिस अभी तक इस मामले में मात्र दो ही लोगों को गिरफ्तार कर पाई है। जबकि हमला करने वाले सैकड़ों की संख्या में थे।  

दिल्ली में मरीजों का है हाल बेहाल

शुक्रवार को दिल्ली में डॉक्टरों ने ओपीडी के अलावा रूटीन सर्जरी के मामलों को न देखने का फैसला किया है। एम्स और सफदरजंग अस्पताल में नए मरीजों के ओपीडी में रजिस्ट्रेशन बंद हैं। हालांकि पुराने मरीजों का इलाज हो रहा है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि वह संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस मामले पर चर्चा करेंगे। आईएमए ने डॉक्टरों पर हमले रोकने के लिए एक सख्त सेंट्रल हॉस्पिटल प्रोटेक्शन ऐक्ट बनाने की मांग की है। 

महाराष्ट्र के डॉक्टरों ने भी दिया समर्थन

महाराष्ट्र असोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने भी डॉक्टरों की हड़ताल को समर्थन दिया है। असोसिएशन की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'हम आज सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ओपीडी, वॉर्ड और अकैडमिक सेवाओं को बंद कर रहे हैं। इमर्जेंसी सेवाओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। राज्य में करीब 4,500 रेजिडेंट डॉक्टर कामकाज ठप रखेंगे।' 

उत्तर प्रदेश में वाराणसी, लखनऊ के डॉक्टर हड़ताल पर  

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बीएचयू के डॉक्टर भी ओपीडी में मरीजों को नहीं देख रहे हैं। इसकी वजह से पूर्वांचल के कई जिलों से आए मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी मुश्किल हो रही है। 

छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों ने की नारेबाजी

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। यहां के डॉक्टर भीमराव आंबेडकर मेमोरियल हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने नारेबाजी की। इस दौरान वी वॉन्ट जस्टिस के नारे भी लगाए गए।

 

राजस्थान में काली पट्टी बांधकर ईलाज कर रहे हैं डॉक्टर

पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में राजस्थान के डॉक्टर आगे आए हैं। हालांकि उन्होंने काम का बॉयकॉट नहीं किया है। राज्य की राजधानी जयपुर के जयपुरिया अस्पताल में प्रतीकात्मक विरोध करते हुए डॉक्टर काली पट्टी बांधकर मरीजों को देख रहे हैं। 

तेलंगाना में डॉक्टरों ने निकाला मार्च

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित निजाम इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) के डॉक्टरों ने कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों से हिंसा के खिलाफ सड़क पर विरोध मार्च निकाला।

केरल में भी डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन