प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में विपक्ष को घेरने के लिए सामाजिक समरसता का कार्ड खेलने की तैयारी कर ली है। वाराणसी में पीएम नरेन्द्र मोदी के नामांकन में इस बार डोम राजा और तीन तलाक की पीडिता को प्रस्तावक बनाने की तैयारी कर ली है। वहीं भारत रत्न शहनाई वादक के परिवार के सदस्य भी प्रस्तावकों की सूची में शामिल हो सकते हैं।

असल में वाराणसी में बीजेपी ने विपक्ष के लिए एक ऐसा दुर्ग तैयार किया है जिसे भेद पाना आसान नहीं है। वाराणसी के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खास निर्देश दिए हैं। इसके तहत मल्लाह व बुनकर के अलावा डोम राजा के वंशज को प्रस्तावक बनाने की तैयारी है। डोम राजा परिवार से बीजेपी के पुराने संबंध हैं और जब केंद्र सरकार उपलब्धियों को पूरे देश में घर घर जाकर बताया जा रहा था उस वक्त काशी की पांच विभूतियों में डोम राजा भी थे और इसकी शुरूआत उनके घर से शुरू हुई थी।

असल में इसके जरिए बीजेपी देश में पार्टी की सामाजिक समरसता की विचारधारा को प्रचारित करेगी। यही नहीं मशहूर अस्सी अड़ी के पप्पू चाय वाले के साथ केशव व राम सिंह पान वाले का नाम प्रस्तावक के लिए चर्चा में है। वहीं 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावक का प्रस्ताव को ठुकराने वाले भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के परिवारीजन भी प्रस्तावक हो सकते हैं। इसके लिए उनके पोते नासिर अब्बास ने पीएम को पत्र भेजकर नामांकन में शामिल होने की अनुमति मांगी है। वहीं ट्रिपल तलाक पीड़ित नगमा ने भी प्रस्तावक के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी इच्छा जता दी है।

नगमा को उसके पति ने सिर्फ इसलिए तलाक दिया कि उनसे पीएम मोदी व योगी की पेटिंग्स बनाई थी और उसके बाद उसके पति ने तीन तलाक बोलकर नगमा को घर से बेदखल कर दिया था। विदित है कि 2014 में बड़ोदरा सीट से चुनाव लड़ने के दौरान एक चाय वाला नरेन्द्र मोदी का प्रस्ताव बना था। फिलहाल जानकारी के मुताबिक 26 अप्रैल को पीएम नरेन्द्र मोदी के नामांकन पत्र में हस्ताक्षर करेंगे जबकि 25 अप्रैल को रोड शो करेंगे। ये रोड शो में बीएचयू से लेकर गोदौलिया तक देश के अलग-अलग राज्यों के लोग भी पारंपरिक वेशभूषा में हिस्सा लेंगे।

यही नहीं बीजेपी ने अपनी सोशल मीडिया टीम के जरिए इस रोड शो को पूरी दुनिया में दिखाने की तैयारी की है। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से नरेन्द्र मोदी के नामांकन में प्रस्तावक में भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र और मौजूदा बीएचयू के चासंलर जस्टिस गिरधर मालवीय और पद्मभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र प्रमुख थे।