दो महीने पहले भारत में हुए उपचुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि वह चुनाव जीतने के लिए सेना का दुरुपयोग कर रहे हैं। यही आरोप अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी लग रहे हैं। अमेरिका में अगले साल चुनाव होने हैं और गुरुवार को अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस परेड पर ट्रंप ने सैन्य ताकत दिखाई।

जिसके कारण अमेरिकी जनता और उनके विरोधी आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव जीतने के लिए सेना के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। अमेरिका में ऐसा पहली बार हुआ है जब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया गया हो। जबकि इससे पहले सादगी के साथ अमेरिकी डे मनाया जाता है।

अमेरिका 4 जुलाई को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। इस बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेना की ताकत दिखाने का फैसला किया था। ट्रंप ने वाशिंगटन में सलामी परेड में सेना के टैंक, लड़ाकू विमान प्रदर्शित करने की फैसला किया था। ट्रप इसके जरिए अमेरिका की सैन्य शक्ति दुनिया के सामने प्रदर्शित करना चाहते थे, लेकिन अब उन्हें अमेरिकियों और अपने विरोधियों का ही विरोध झेलना पड़ रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप के विरोधियों ने उन पर आरोप लगाया है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए वह सेना के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस तरह के आरोप लोकसभा चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी पर भी लगे थे। हालांकि तमाम आरोपों के बाद मोदी प्रंचड बहुमत से चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

असल में अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस परेड पर कोई सैन्य परेड नहीं होती है और न ही सेना के उपकरणों या फिर टैंक, विमान को प्रदर्शित किया जाता है। वहां पर स्वतंत्रता दिवस समारोह को बेहद सादगी से मनाया है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि जब अमेरिका डे के मौके पर देश की सैन्य ताकत को दिखाया गया। लिहाजा इसके जरिए ट्रंप फिर विवादों में आ गए हैं। हालांकि ट्रंप ने 2017 में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर सैन्य परेड की इच्छा जताई थी लेकिन बाद में उन्होंने फैसला वापस ले लिया है।