नई दिल्ली। पाकिस्तान के खराब होते हालात और कोरोना संकटकाल में मुश्किल से अर्थव्यवस्था को लेकर पाकिस्तान की इमरान खान सरकार परेशान है। पाकिस्तान में लाखों लोगों के बेरोजगार हैं और भुखमरी के स्तर तक पहुंच घई है। वहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले गधों की तादात बढ़ने से अब इमरान खान सरकार खुश है। क्योंकि गधें सरकार के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आए हैं। क्योंकि गधों का निर्यात कर पाकिस्तान सरकार अच्छा राजस्व हासिल कर सकती है।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान गधे की जनसंख्या की वृद्धि के मामले में पूरे विश्व में अब तीसरे स्थान पर आ गया है। लिहाजा अब पाकिस्तान को उम्मीद है कि वह इस साल गधों बेचकर अच्छा मुनाफा कमाएगा। असल पाकिस्तान दुनिया में गधों का निर्यात करता है और अपने आका देश चीन को भारी संख्या में गधे निर्यात करता है और इससे भारी मुनाफा कमाता है। वहीं चीन में गधों की संख्या होने के बावजूद चीन पाकिस्तान से गधों का आयात करता है। क्योंकि चीन में गधों से दवाईयां बनाई जाती हैं।

चीन में गधे की बहुत अधिक कीमत है और चीन खास तौर से पाकिस्तान से गधों का आयात करता है और क्योंकि गधों की खाल में प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है और खाल में मौजूद जिलेटिन का इस्तेमाल 'ईजियाओ' नामक दवाई बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। जो खून को साफ करने और प्रतिरक्षा प्रणाली में कारगर होती है। पिछले साल एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दुनिया में अगले पांच साल में गधों की आबादी पचास फीसदी रह सकती है क्योंकि चीन पारंपरिक दवाओं को बनाने के लिए गधों की हत्या कर रहा है।

गधा पालन को बढ़ाना दे रही है इमरान खान सरकार

चीन में गधों की सबसे ज्यादा आबादी है लेकिन पाकिस्तान दुनिया में गधों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है। पाकिस्तान में गधों का इस्तेमाल विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है। लिहाजा गधों की काफी मांग है और पाकिस्तान के कई राज्यों में गधों की मंडी भी लगती है। पिछले साल ही पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पशुपालन विभाग ने चीनी सरकार की मदद से 'गधा पालन' योजना को शुरू किया था और इसमें चीन ने एक अरब डॉलर का निवेश किया था। वहीं अब पाकिस्तान को उम्मीद है कि कोरोना संकट में गिरती अर्थव्यवस्था को गधे संभाल सकते हैं।