नई दिल्ली। एक बार फिर साबित हो गया है कि चीनी सरकार पर भारत को भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि  चीनी सरकार और सेना साजिश कर रही है। सोमवार की रात को लद्दाख सीमा पर जो हिंसक झड़पें हुई उसका सबसे अहम कारण चीनी सेना द्वारा प्वाइंट 14 पर कब्जा करना था।  एक तरफ चीनी सेना कह रही थी कि वह पीछे हट रही हैं वहीं दूसरी तरफ वह लाइन ऑफ कंट्रोल पर अवैध निर्माण की साजिश कर रही थी। जिसके कारण दोनों देशों के सैनिकों की आमने-सामने झड़प हुई।

चीन ने एक बार फिर भारत को धोखा दिया है और भारतीय जवानों पर हमला किया है। लेकिन इस झड़प में भारत से ज्यादा चीन को नुकसान पहुंचने की जानकारी आ रही है। हालांकि चीनी सरकार इस पर भी साजिश कर रही है और हर तरह की जानकारी दुनिया के सामने से छिपा रही है। भारतीय जवानों ने निहत्थे ही दर्जनों चीनी सैनिकों मौत के घाट उतार दिया और ड्रैगन की साजिश को नाकाम कर दिया। जानकारी के मुताबिक चीन एक तरफ वार्ता की बात कर रहा था और दूसरी तरफ अपनी सेना को तैयार कर रहा था। बातचीत में तो चीनी  सेना पीछे हटने का दावा कर रही थी वहीं चौरी छिपे वर गलवन और श्योक नदी के संगम के पास प्वाइंट-14 पर स्थिति को बदलकर उसमें कब्जा करने की साजिश कर रही थी।

फिलहाल पूर्वी लद्दाख में भारतीय फौज मजबूत स्थिति में है और इसी को लेकर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी बार  बार साजिश करती है। जानकारी के मुताबिक सीमा पर भारत की तरफ से सेना ने पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए थे। लेकिन चीनी सेना साजिश के तहत इन्हें भी तोड़ दिया। असल में चीन ने सीमा पर अपने इलाके में सड़क तैयार कर ली है जबकि भारत को वह सड़क निर्माण से रोक रहा है।

सीमा रेखा बदलने की साजिश है चीन की

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने गलवन घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार कर भारतीय क्षेत्र में प्वाइंट-14, प्वाइंट-15 और प्वाइंट-17 में कब्जा करना चाहते हैं और उन्होंने अपने तंबू गाड़े हुए हैं। सोमवार की रात को 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू अपने जवानों संग को लेकर जब सीमा पर पहुंचे तो चीनी सैनिक वहां पर सीमा की स्थित को बदलने प्रयास कर रहे थे और जब चीनी सैनिकों को रोकने की कोशिश की गई तो पहले से ही तैयार धोखेबाज चीनी सैनिकों ने पत्थरों, हथौडि़यों और कंटीले तारों से हमला कर दिया।