बालासोर: ओडिशा के बालासोर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली। यहां 25 किलोमीटर के रेंज वाली क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QSRAM) यानी जमीन से हवा में मार करने वाली त्वरित कार्रवाई मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। 

यह मिसाइल आंधी, बारिश, बादल, गर्मी, सर्दी जैसे किसी भी मौसम में अपने दुश्मन के निशाने को खत्म कर देने में सक्षम है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण को डीआरडीओ की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।

किसी भी तरह के मौसम और इलाके में प्रहार करने में सक्षम इस मिसाइल को एक ट्रक के ऊपर लगाया जा सकता है और यह किसी डब्बे में भी समा सकती है।  रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक हैंडल से इस मिसाइल की टेस्टिंग का विडियो शेयर किया।


इस दौरान जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘परीक्षण के दौरान इन दो मिसाइलों ने दो लक्ष्यों को भेदा और अपने मिशन को पूरा करने में वे सफल रहीं। कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस इन क्यूआरएसएएम ने विभिन्न दूरियों और ऊंचाइयों पर लक्ष्यों को भेदा।’ 

इस पूरे परीक्षण अभियान को विभिन्न इलेक्ट्रो ऑप्टिकल निगरानी प्रणाली, रडार प्रणाली और टेलीमैट्री प्रणाली में कैद किया गया। सभी मौसमों और सभी भौगोलिक क्षेत्रों के अनुकूल इस क्यूआरएसएएम को भारतीय सेना के लिए विकसित किया है। यह मिसाइल कुछ ही समय में लक्ष्य का पता लगाकर उसे भेद देने में सक्षम है। 

इस मिसाइल का परीक्षण रविवार को दिन में 11.05 बजे किया गया। लेकिन इसके पहले भी 16 फरवरी 2016 और 4 जून 2017 को दो बार इसका सफल परीक्षण किया गया जा चुका है। पहले के इन दोनों परीक्षणों के दौरान मिसाइल का अलग अलग ऊंचाईयों और परिस्थितियों में परीक्षण किया गया। इन दोनों परीक्षणों के दौरान मिसाइल का प्रदर्शन बेहद उन्नत रहा। 

डीआरडीओ ने इस मिसाइल को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की मदद से सेना के लिए विकसित किया है। यह दुश्मन के टैंक और युद्धक विमानों सहित बड़े एयरक्राफ्ट को भी आसानी से मार गिराने में सक्षम है। 

भारत अपनी वायु रक्षा प्रणाली को लगातार मजबूत कर रहा है। डीआरडीओ कई मिसाइलों को स्वदेशी रूप से विकसित कर रहा है, जबकि कई मिसाइलें विदेशों से भी खरीदी गई हैं। 

इससे पहले  27 मई को DRDO ने जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। फिलहाल आकाश मिसाइल के कई वर्जन विकसित किए जा रहे हैं।

इस मिसाइल में सॉलिड-फ्यूल प्रोपेलेंट का इस्तेमाल होता है जो इसे 25-30 किलोमीटर की दूरी तक मार करने की ताकत देता है।