जयपुर से देवेन्द्र सिंह की विशेष रिपोर्ट

अकसर कुछ लोगों को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि अरे नाम में क्या रखा है। लेकिन राजस्थान में लोकसभा चुनावों में नाम ही में सबकुछ रखा है। असल में डमी प्रत्याशियों के भंवर जाल में बड़े बड़े प्रत्याशी फंसते नजर आ रहे हैं। क्योंकि एक ही नाम राशि के कई लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि राजनैतिक दल एक दूसरे पर डमी प्रत्याशी उतारने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि इससे नेताओं की परेशानियां बढ़ गयी हैं।

फिलहाल राज्य में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चनाव लड़ रहे आरएलपी प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के सामने हनुमानराम चुनाव लड़ रहे हैं जबकि  झुंझूनूं में कांग्रेस प्रत्याशी श्रवण कुमार के सामने श्रवण कुमार चुनाव लड़ रहे हैं। इसके कारण प्रत्याशियों की दिक्कतें बढ़ गयी हैं। क्योंकि मिलते जुलते नाम के कारण मतदाता अपना वोट किसी को भी दे सकता है।

गौरतलब है कि केरल के वायनाड में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने चार प्रत्याशी राहुल नाम के चुनाव लड़ रहे हैं। यही नहीं राज्य की चूरू लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रफीक मंडेलिया के सामने मो. रफीक ने नामांकन किया है। जबकि बीकानेर में अर्जुनराम मेघवाल के सामने अर्जुनराम मैदान में चुनाव लड़ रहे हैं। मिलते जुलते नाम के कारण इन प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ हुई हैं।

हालांकि झुंझुनूं में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र कुमार और सीकर में कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष महरिया को थोड़ी राहत मिली गयी है क्योंकि यहां से पर नरेंद्र, नरेंद्र सिंह और सुभाष नाम के तीन प्रत्याशियों का नामांकन रद्द कर दिया गया है। हालांकि राजनैतिक दल एक दूसरे विरोधी पर इस बात का आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने डमी प्रत्याशियों को साजिश के तहत उतारा है। लेकिन ये डमी प्रत्याशी एक लोकसभा सीट पर नहीं बल्कि करीब आधा दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। नागौर में हाल ही में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले हनुमान बेनीवाल की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। जहां उनके नाम के हनुमान राम राष्ट्रीय पॉवर पार्टी के प्रत्याशी हैं।