चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा और जेजेपी की संयुक्त सरकार बन गई है। आज राजधानी चंडीगढ़ में राजभवन में मनोहर लाल खट्टर ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। जबकि जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ ली है। करनाल से विधायक मनोहर लाल खट्टर संघ के प्रचारक रह चुके हैं वहीं दुष्यंत राज्य के दिग्गज राजनैतिक परिवार चौटाला परिवार का हिस्सा हैं।

आज दिवाली के दिन चंडीगढ़ पोस्टर और बैनर्स से पटा हुआ था। क्योंकि राज्य में मनोहर लाल खट्टर ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। हालांकि भाजपा के पास सरकार बनाने का पूर्ण बहुमत नहीं था। लिहाजा भाजपा ने जननायक जनता पार्टी की सरकार के साथ मिलकर सरकार बनाई है। इसके तहत भाजपा का सीएम और जेजेपी का डेप्युटी सीएम बनना था और इसी फार्मूले के तहत खट्टर और चौटाला ने शपथ ली।

जेजेपी को राज्य में दस सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं। मनोहर लाल खट्टर करनाल से विधायक का चुनाव जीते हैं और पिछली बार सरकार उन्होंने अपने दम पर बनाई थी। पिछली बार राज्य में भाजपा को 47 सीटें मिली थी। आज राजभवन में राज्यपाल सत्यनारायण आर्य ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। हालांकि इन दोनों  के अलावा अभी किसी ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली। लिहाजा माना जा रहा है कि अगले दो दिनों के बाद राज्य में कैबिनेट का गठन हो सकता है।

फिलहाल माना जा रहा है कि जेजेपी को दो कैबिनेट और एक राज्यमंत्री  का पद मिलेगा। वहीं राज्य के निगमों और प्राधिकरणों में कैबिनेट के फार्मूले के  तहत पद दिए जाएंगे। आज शपथ ग्रहण समारोह में जेल से छूटे दुष्यंत के पिता अजय चौटाला भी मौजूद थे और उन्होंने कहा कि एक पिता के लिए इससे बड़ा क्या अवसर हो सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य में दोनों दलों की सरकार पांच  साल तक चलेगी और राज्य की जनता के लिए इससे अच्छी कोई दिवाली नहीं हो सकती।

आज शपथ लेने के लिए जा रहे दुष्यंत चौटाला ने मंच पर मौजूद अकाली दल के मुखिया और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह के बादल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। मंच पर ही कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा और दुष्यंत के पिता अजय चौटाला भी मौजूद थे। हुड्डा ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेकर लोकतंत्र  को मजबूत किया है। क्योंकि आम तौर पर विपक्षी दल शपथग्रहण समारोह से दूर रहते हैं। राजधानी में हुए शपथ ग्रहण समारोह में हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।

एक साल में बन गई किंगमेकर

जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला महज एक साल में ही राज्य में किंगमेकर बन गए हैं। जबकि इनेलो से बाहर निकालने के बाद उन्होंने किसी अन्य दल का दामन नहीं थामा बल्कि अपने बलबूले नई पार्टी का गठन किया। हालांकि जिंद में हुए उपचुनाव में जेजेपी ने अपनी ताकत का एहसास करा दिया था। क्योंकि इस सीट पर हुए उपचुनाव में जेजेपी दूसरे स्थान पर आई थी। अब दुष्यंत चौटाला राज्य की राजनीती  में सबसे मजबूत माने जाने वाले जाटों में मजबूत नेता के तौर पर उभर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के दिग्गज भूपेन्द्र सिंह हुड्डा भी जाट राजनीति के धुरंधर माने जाते हैं। लेकिन अब दुष्यंत की तुलना परदादा ताऊ देवीलाल से भी उनकी तुलना की जा रही है।