इशिकावा । नए साल के मौके पर जापान के इशिकावा में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।  रिक्टर स्केल पर  भूकंप की तीव्रता 7.4 दर्ज की गई।  प्रशासन ने सुनामी का अलर्ट जारी करते हुए लोगों से इशिकावा, निगाता, तोयामा और यामागाता प्रान्तों के तटीय क्षेत्रों को जल्द से जल्द छोड़ने की अपील की है । कहा जा रहा है कि 5 मीटर (16 फीट) ऊंची लहरें उठ सकती हैं। फिलहाल किसी के मारे जाने की खबर नहीं है।

2011 में जापान में सुनामी से हुई थी 16 हजार मौतें
साल  2011 मार्च में जापान में 9 रिक्टर स्केल की  तीव्रता वाले भूकंप के बाद भयंकर  सुनामी  तूफ़ान  आया था जिसमे फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट बर्बाद हो गया था।  इस तूफ़ान में करीब 16 हजार लोगों की मौत हुई थी।

 


 

रिंग ऑफ फायर पर बसा है जापान
जापान  पैसिफिक रिंग ऑफ फायर में बसा है जो  भूकंप का  सबसे सेंसेटिव एरियाहै। इस इलाके में  कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। इनके असर से ही सुनामी आती है और वॉल्केनो भी फटते हैं। दुनिया के 90% भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर में आते हैं। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर में फैला है। जितने भी सक्रिय ज्वालामुखी हैं, उनमें से 75% रिंग ऑफ़ फायर  में हैं। 15 देश- जापान, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू,रूस, फिलिपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा,  इक्वाडोर, चिली, बोलिविया रिंग ऑफ फायर की जद में हैं।

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