14 घंटों के अंतराल में दो बार धरती के कांपने से लोग दहशत में आ गए। गनीमत की बात ये कि धरती का कंपन रिक्टर स्केल पर कमजोर रहा, जिससे जान-माले के नुकसान की खबर नहीं है।

रोहतक में भूकंप से दहशत में लोग 


सोमवार सुबह 6.28 पर महसूस किए गए भूकंप का केंद्र मेरठ का खरखौदा रहा। इससे पहले रविवार शाम को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में महसूस किए गए थे। 


रविवार शाम को आए भूकंप के झटके करीब 10 सेकेंड तक महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर नीचे हरियाणा के झज्जर जिले में था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई थी। 


इससे पहले एक जुलाई को भी दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र हरियाणा के सोनीपत में था। 


दिल्ली-एनसीआर में आबादी का घनत्व भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा कि कारण बेहद संवेदनशील हो जाता है। देश के बड़े शहर दिल्ली में कई इमारतें बेहद पुरानी हैं और कॉलोनियों की बसावट भी चिंताजनक है। बता दें कि दिल्ली उच्च जोखिम वाले भूकंपीय जोन चार में स्थित है।