उत्तर प्रदेश की विवादित आईएएस अफसर बी. चंद्रकला पर सरकारी जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है. फिलहाल अभी तक किसी भी जांच एजेंसी ने चंद्रकला से पूछताछ नहीं की है. लेकिन ईडी 24 जनवरी से चंद्रकला और उनके सहयोगियों से पूछताछ करेगी. ईडी की इंटेलिजेंस विंग ने चंद्रकला और उनके सहयोगियों से पिछले छह सालों सात सालों में जोड़ी संपत्ति का ब्यौरा मांगा है.

हाईकार्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में अवैध खनन के मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था और सीबीआई ने अपनी जांच के बाद पिछले महीने चंद्रकला और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की थी. सीबीआई ने लखनऊ में चंद्रकला और उनके सहयोगियों के घरों और कार्यालयों की जांच की.

हालांकि सीबीआई ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है. लेकिन आने वाले दिनों में गिरफ्तारी हो सकती हैं. अब सीबीआई के बाद ईडी ने भी अवैध खनन के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है. लखनऊ में ईडी के स्थानीय कार्यालय की इंटेलिजेंस विंग ने आईएएस बी.चंद्रकला और उनके 11 आरोपितों की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है.

इन लोगों ने जो आयकल रिटर्न फाइल किया है. फिलहाल ईडी उसकी जांच कर रह है. ईडी इसका भी पता लगा रही है कि उनके और उनके परिवार के पास कितनी बेनामी संपत्तियां हैं और पिछले कुछ सालों में उनमें कितना इजाफा हुआ है. फिलहाल ईडी ने सीबीआई से उन 13 पट्टों से जुड़े दस्तावेज भी हासिल कर लिए हैं, जो पूर्व सीएम और खनन मंत्री रहे अखिलेश यादव और गायत्री प्रजापति के कहने पर दिए गए थे. ईडी ने इन आरोपियों के सात साल के बीच यूपी में हुए अवैध खनन घोटाले में मनी ट्रेल तलाशना शुरू कर दिया है.

आईएएस बी. चंद्रकला समेत सभी आरोपितों से उनके आईटीआर मांगे गए हैं. आईएएस व अन्य सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को जॉइनिंग से लेकर अब तक के आईटीआर देने होंगे. ईडी आरोपितों से पूछताछ के लिए सवालों की सूची तैयार होगी. ज्यादातर सवाल फंड डायवर्जन से जुड़े होंगे. ऐसा माना जा रहा है कि ईडी 24 जनवरी से चंद्रकला और उनके सहयोगियों से पूछताछ कर सकती है.