आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर कर्ज दिया। जिसके बदले उन्हें फायदा पहुंचाया गया। 

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंदा कोचर उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर  वेणुगोपाल धूत और अन्य लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाने के बाद जांच शुरू कर दी है। 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ICICI बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है। 

चंदा कोचर पर आरोप है कि उनके कार्यकाल में वीडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया। इस मामले में कथित अनियमिता और भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया है। जिसमें चंदा कोचर के पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत सहित कई अन्य लोग आरोपी हैं। 

प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में पिछले महीने सीबीआई द्वारा दर्ज शिकायत का संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत प्रवर्तन प्राथमिकी (ईसीआईआर) दाखिल की है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं इस ऋण सौदे में की मंजूरी में कथित रिश्वत दी की रकम के शोधन के लिए उसका दागी सम्पत्तियों में निवेश तो नहीं किया गया है। 

ईडी जल्द ही आरोपियों को सम्मन जारी कर सकता है। इस मामले में सीबीआई ने धूत की कंपनी सुप्रीम एनर्जी और दीपक कोचर के नियंत्रण वाली न्यूपावर रीन्यूएबल पर भी मामला दायर किया गया है। 

आरोप है कि वीडियोकॉन के प्रमोटर धूत ने बैंक से ऋण मंजूर करवाने के लिए दीपक कोचर को निवेश के जरिए लाभ पहुंचाया।