नई दिल्ली: एयरसेल और मैक्सिस डील में कथित आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम और कार्ति चिदम्बरम से प्रवर्तन निदेशालय गिरफ्तार कर पूछताछ करना चाहती है। क्योंकि ईडी के मुताबिक ये दोनों जांच में सहयोग नही कर रहे है। 

ईडी ने कहा इस मामले से संबंधित कुछ दस्तावेज सिंगापुर से आने है जिसमें कुछ समय लग रहा है। वही कोर्ट ने दोनों की अंतरिम जमानत की अवधि को 26 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। 

हालांकि, सीबीआई और ईडी के तरफ से कोर्ट में पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दोनों आरोपियों की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नही कर रहे है लिहाजा उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। 

एयरसेल मैक्सिस मामले में फिलहाल यूके और सिंगापुर से जांच से संबंधित डॉक्यूमेंट मांगे गए है जिनके आने के बाद जांच में नया मोड़ आ सकता है। 

ईडी अधिकारियों ने बताया कि कार्ति से जब भी पूछताछ होती है या फिर उन्हें ईमेल किया जाता है तो वह उसका जवाब नहीं देते। 

आज अदालत में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश कांग्रेसी नेता व वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और पूर्व कांग्रेसी नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से सीधे सवाल पूछा कि चिदंबरम से कब पूछताछ हुई थी। 

उनका कहना था ईडी अधिकारी आरोप तो लगाते हैं लेकिन सवालों का जवाब नही दे रहे हैं। 

यह केस एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी दिए जाने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। 

ईडी पिछले साल अक्टूबर में अपनी पूरक चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। ईडी की चार्जशीट में पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के अलावा कार्ति के सीए भास्कर रमन का भी नाम है।

 इस मामले की ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियां जांच कर रही हैं। इस मामले में कुल 18 आरोपी हैं जिसमें 11 व्यक्ति और 7 कंपनियां शामिल हैं