ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के चेयरमैन ने चुनाव आयोग से अपील की है कि कांग्रेस पार्टी को अपने चुनाव चिन्ह पंजा के साथ राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों के ध्वज के इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए. चुनाव आयोग को दी गई शिकायत में दावा किया गया है कि किसी पार्टी द्वारा अपने चुनाव चिन्ह के साथ राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का इस तरह इस्तेमाल करना जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है.

बार एसोसिएशन के अदीश अग्रवाल ने चुनाव आयोग को दी अपनी याचिका में कहा है कि जहां चुनाव आयोग ने सेना के ध्वज का चुनाव के लिए इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा रखी है वहीं कांग्रेस पार्टी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का अपने चुनाव चिन्ह के साथ इस्तेमाल उसकी नजर से बच गया. अदीश ने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी का यह कृत नियमों के विरुद्ध है लिहाजा उसपर राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का इस्तेमाल करने से रोकने की जरूरत है.

अदीश ने चुनाव आयोग को दलील दी है कि कांग्रेस पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का इस्तेमाल कर रही है. कांग्रेस की कोशिश राष्ट्रीय ध्वज के सहारे लोगों की राष्ट्रवाद की भावना का फायदा उठाने की है. अदीश ने कहा कि जहां राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र दिया है वहीं कांग्रेस पार्टी अपना चुनाव चिन्ह पंजा इस्तेमाल करती है. ऐसे में आम वोटर को दोनों ध्वजों में कोई अंतर नहीं दिखाई देता और दोनों ध्वज को एक जैसा समझने की गलती करते हैं.

अदीश ने चुनाव आयोग को दी शिकायत में कहा है कि जनप्रतिनिधित्व कानून के सेक्शन 100 के तहत यदि कोई व्यक्ति गलत तरीकों का इस्तेमाल करना पाया जाता है तो उसके चुनाव को निरस्त करने का प्रावधान है. वहीं इसी सेक्शन में आगे कहा गया है कि चुनाव में किसी उम्मीदवार द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल कर वोट बटोरना गलत तरीका है लिहाजा चुनाव आयोग को इस कानून को विस्तार से देखते हुए कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर प्रतिबंध लगाने का कदम उठाना चाहिए.

वहीं चुनाव आयोग की तरफ से कांग्रेस पार्टी को आवंटित चुनाव चिन्ह महज हाथ का पंजा है और कांग्रेस पार्टी इस चिन्ह का राष्ट्रीय ध्वज के साथ बराबर इस्तेमाल करती रही है. इसके चलते चुनाव दर चुनाव कांग्रेस पार्टी ने वोटर के साथ छलावा करने का काम किया है और पार्टी और राष्ट्र को एक साथ प्रदर्शित करने हुए गलत ढंग का इस्तेमाल किया है.

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