दिल्ली की सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी को चुनाव आयोग ने तगड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को ने चंदे में अनियमितताओं को लेकर नोटिस जारी किया है। 

आयोग ने कहा है कि आप ने चंदे की रकम छिपाई है और आयोग के समक्ष गलत जानकारी पेश की है। नोटिस का जवाब देने के लिए बीस दिन का वक्त दिया है। अगर नोटिस मिलने के बीस दिन के भीतर आम आदमी पार्टी जवाब नहीं देती है, तो उसका चुनाव चिन्ह रद्द कर दिया जाएगा।

आयकर विभाग और चुनाव आयोग को दिए अलग-अलग आंकड़ों को लेकर यह नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी की भेजी रिपोर्ट के आधार पर आम आदमी पार्टी पर आरोप है कि उसने साल 2014-15 में चंदे के मामले में पारदर्शिता के चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है।  

आयोग के मुताबिक आप ने 2014-15 की चंदे की जानकारी भेजी थी, जो आयोग को 30 सितंबर, 2015 को मिली। वहीं आप ने 20 मार्च 2017 को चंदे की संशोधित रिपोर्ट भेजी। आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली रिपोर्ट में 2696 दानदाताओं की सूची भेजी थी, जिनसे 37 करोड़ 45 लाख रुपए का कुल चंदा मिला। लेकिन बाद में आप ने 8262 दानदाताओं से 37 करोड़ 60 लाख रुपए का चंदा दिखाया था। 

आयोग का कहना है कि उन्हें 5 जनवरी, 2018 को सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी से रिपोर्ट मिली, जिसमें आम आदमी पार्टी ने 2014-15 के चंदे में कई विसंगतियां पाई गईं। सीबीडीटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आप ने चंदे के मामले में पारदर्शिता नहीं बरती है और आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है।

 

आयोग का कहाना है कि आप के बैंक अकाउंट में 67.67 करोड़ रुपए क्रेडिट हुए, जिसमें दान से मिले हुए 64.44 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। लेकिन पार्टी ने अपनी आय 54.15 करोड़ ही दिखाई और 13.16 करोड़ का कोई हिसाब नहीं मिला। रिपोर्ट में कहा गया है कि हवाला कारोबारी से आम आदमी पार्टी को हवाला ऑपरटर्स के जरिए 2 करोड रुपए भी मिले, जिन्हें पार्टी ने चंदे के तौर पर दिखाया। 

रिपोर्ट के मुताबिक जनप्रतिनिधि अधिनियम के सेक्शन 29सी के तहत आप ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट और आयोग को गलत जानकारी पेश की। इसमें यह भी कहा गया है कि एक बार सवाल उठाने पर आम आदमी पार्टी ने अपने खातों की जानकारी बदली। आयोग का कहना है कि प्रथम दृष्टि में आप ने चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है और पैरा चुनाव चिन्ह, 1968 16ए के तहत उनका चिन्ह जब्त किया जा सकता है। 


विधानसभा के अंदर हुई इस घटना पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि, कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल ने सदन की मर्यादा का उल्लंघन किया है मै इसकी कड़ी निंदा करता हुं। सदन की मर्यादा बनाए रखना हर जनप्रतिनिधि का दायित्व होता है। आज जो सदन की मर्यादाएं तोड़ी गयी वो अच्छी बात नहीं है। इस मसले पर विधानसभा के नियमों के अनुसार विधानसभा स्पीकर आवश्यक करवाई करेंगे।