सेना की 53 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया था, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।  

जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले में बृहस्पतिवार सुबह हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादी मारे गिराए हैं। कुछ आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में विश्वसनीय इनपुट मिलने के बाद जिले के जागू अरिजाल इलाके की घेराबंदी की गई थी। इस बीच, मुठभेड़ के बाद इलाके में स्थानीय लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। इसमें सुरक्षा बलों के साथ-साथ मीडिया को भी निशाना बनाया गया है। कई महिलाओं भी पत्थरबाजी में शामिल हैं। फिलहाल बड़गाम के कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं। 

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सेना की 53 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया। सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बाद छिपे हुए आतंकियों ने उन पर फायरिंग की। सुरक्षा बलों ने भी इसका जवाब दिया। इस कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकियों से हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुआ है। हालांकि पुलिस ने आतंकियों की पहचान के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है। 

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पिछले कुछ दिनों से बडगाम और आसपास के इलाकों में आतंकियों की हलचल बढ़ गई है। इसी वजह से सुरक्षा बल लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। इससे पहले, दक्षिण कश्मीर के त्राल में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की स्नाइपर यूनिट के डिप्टी उस्मान हैदर सहित दो आतंकवादियों को मार गिराया था। वह जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर का भतीजा था। पिछले दो सप्ताह के संयुक्त रूप से चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑलआउट में तेजी आई है।

दिलबाग सिंह को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार मिलने के बाद से ही पुलिस का स्थानीय स्तर पर खुफिया तंत्र मजबूत हुआ है। राज्य पुलिस घाटी में अन्य सुरक्षा बलों के साथ और अच्छे तालमेल से काम कर रही है। यही वजह है कि आतंकियों के खिलाफ अभियानों में काफी तेजी आई है। इसका ईनाम भी दिलबाग सिंह को मिला है।  दो महीने तक डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार संभालने के बाद राज्य प्रशासन परिषद ने बुधवार को 1987-बैच के इस आईपीएस अधिकारी को राज्य का डीजीपी नियुक्त कर दिया।

छह सितंबर को एक अप्रत्याशित कदम में दिलबाग सिंह को जम्मू-कश्मीर पुलिस का अंतरिम प्रमुख बनाया गया था। तब तत्कालीन डीजीपी एसपी वैद को परिवहन आयुक्त के रूप में ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि उनके पद को अतिरिक्त सचिव से सचिव पर अपग्रेड कर दिया गया है।  पहले यह पद 2006 के आईएएस अधिकारी सौगत विश्वास संभाल रहे थे। एसपी वैद को पुलिस के 11 परिवारों के सदस्यों के अपहरण के बाद हटा दिया गया था। दरअसल, पुलिस ने हिजबुल आतंकवादी रेयाज नायकू के पिता को गिरफ्तार किया था, इसके बाद हिजबुल ने ये अपहरण किए थे। 

डीजीपी के रूप में दिलबाग सिंह का दो महीने का कार्यकाल सफल रहा है। पहले के मुकाबले आतंकियों के खिलाफ सफलता दर में सुधार हुआ है। हालांकि, पुलिस ने खुद यह स्वीकार किया है कि आने वाले पंचायत चुनाव सुरक्षा बलों के लिए असली परीक्षा होंगे, क्योंकि चुनाव प्रक्रिया कश्मीर घाटी के अंदरूनी इलाकों की तरफ बढ़ेगी, जिन्हें आतंकवाद का गढ़ माना जाता है।