नई दिल्ली- पूरी दिल्ली के लिए मुसीबत बने किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। पुलिस ने आधी रात को किसानों को दिल्ली में घुसने की इजाजत दी, जिसके बाद किसानों ने चौधरी चरण सिंह की समाधि किसान घाट की ओर कूच किया। वहां पहुंचकर किसानों ने अपनी किसान यात्रा को खत्म कर दिया। 
भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों को सरकार से मनवाने के लिए हरिद्वार में टिकैत घाट से 23 सितंबर को किसान क्रांति यात्रा शुरू की थी। इसमें यूपी समेत सात राज्यों के किसान शामिल हुए।

इन किसानों की मांग कुछ इस प्रकार थी- 

•    गन्ना किसानों का बकाया समर्थन मूल्य तुरंत दिया जाए। 
•    स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को तुरंत लागू किया जाए। इसमें फसलों की लागत से 50 फीसदी ज्यादा दाम किसानों को दिलवाना, कृषि जोखिम फंड बनाना, सरप्लस जमीन का वितरण करना, किसानों को दिए जाने वाले कर्ज की ब्याज दर कम करना शामिल है।
•    कर्ज माफी की जाए। ट्यूबवेल से सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जाए।
•    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सभी फसलों के लिए लागू हो, जिसका  प्रीमियम सरकार भरे।
•    एनसीआर से 10 साल पुराने डीजल ट्रैक्टरों को हटाने का एनजीटी का फैसला वापस हो।
•    60 साल की उम्र के बाद छोटे किसानों के लिए 5000 रुपए महीना पेंशन की व्यवस्था की जाए।

हजारों की संख्या में किसानों ने गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली गेट के पास पर जमावड़ा किया हुआ था। जहां पर मंगलवार को किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई थी, जिसमें 7 पुलिसकर्मी और 40 किसान घायल हो गए थे। 
बाद में किसानों को दिल्ली आने की इजाजत दी गई। आधी रात में ऐलान किया गया कि दिल्ली कूच की तैयारी की जाए। इसके बाद माइक से वहां सो रहे किसानों को जगाया गया। मौके पर तैनात सुरक्षाबलों ने खुद ही बैरिकेड्स हटाए और किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने दिया गया।  साथ ही किसानों से शांति बनाए रखने की भी अपील की गई थी।

किसानों के यूपी बॉर्डर से हटने के बाद पुलिस ने यहां यातायात खोल दिया। अब हाईवे पर आने और जाने का रास्ता खुला हुआ है। किसान यात्रा के चलते हाईवे को बंद किया गया था। यातायात पुलिस ने बुधवार के लिए भी निर्देश जारी किये थे। हालांकि एहतियात के तौर पर अभी भी बॉर्डर पर पुलिस बल तैनात है।