कश्मीर के आतंकी संगठन अंसार गजवत उल हिंद के कमांडर जाकिर मूसा को 23 मई को एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।
नई दिल्ली। ऐसे समय जब पूरा देश आतंकियों से मोर्चा लेने वाले सुरक्षा बलों के साथ खड़ा है, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक कश्मीरी छात्र ने आतंकियों की शान में एक देशविरोधी पोस्ट साझा की है। यह पोस्ट सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए कश्मीर आतंकी जाकिर मूसा को लेकर की गई है।
आरोपी कश्मीरी छात्र कथित तौर पर 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' का सदस्य बताया जाता है। वह देश को तोड़ने की बात कहता है। अपनी पोस्ट में उसने जाकिर मूसा के लिए 'जिंदाबाद' और 'मिस यू' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है। कश्मीर के आतंकी संगठन अंसार गजवत उल हिंद के कमांडर जाकिर मूसा को 23 मई को एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।
इस पूरे मामले को विकास जसवाल नाम का एक ट्विटर यूजर सामने लाया है। उसने कथित फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया और उसे पंजाब पुलिस को टैग किया। 'माय नेशन' स्वतंत्र रूप से इस पोस्ट की पुष्टि नहीं करता है।
This guy is studying in @cugharuan @Chandigarh_uni he's from Kashmir he just posted a story and post
— vikas jaswal (@iamvikas420) May 24, 2019
He wrote that #zakirmusa_zindabaad
We want strict action on this person @punjabkesari @PunjabPoliceInd
I Hope you'll take serious action on this person @ssptfcchd pic.twitter.com/fDwAsMSraM
इस ट्वीट में लिखा है, 'यह छात्र @cugharuan @Chandigarh_uni में पढ़ता है। वह कश्मीर का रहने वाला है। उसने अभी फेसबुक पर एक स्टोरी और पोस्ट डाली है। उसने जाकिर मूसा जिंदाबाद लिखा है। हम पंजाब पुलिस से इस शख्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। इस ट्वीट को पंजाब पुलिस को टैग किया गया है। हमें उम्मीद है कि इस बीमार शख्स के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी।'
इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए पंजाब पुलिस ने तुरंत स्थानीय पुलिस को मामले की जांच करने को कहा। अब घरुआन पुलिस स्टेशन के तहत मामले की जांच की जा रही है। उधर, 'माय नेशन' ने जब एसएचओ से इस मामले में बात की तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
@PPSM_SASNAGAR Please look into the matter.
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) May 25, 2019
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने 'माय नेशन' को बताया, 'हमारे पास यह मामला ट्विटर के जरिये आया है। हमें एक स्क्रीनशॉट मिला है जिसमें कुछ देश विरोधी बातें लिखी हुई हैं। इसके अलावा आरोपी ने आतंकी की प्रशंसा भी की है। अभी इस स्क्रीन शॉट की सत्यता परखी जा रही है। यह पोस्ट इस समय डिलीज किया जा चुका है, इसलिए इसके खोजने में परेशानी हो रही है। सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट और दूसरे तरीकों के जरिये उस टिप्पणी का पता लगाया जा रहा है, जो पोस्ट में की गई। अगर यह आरोप सही पाए जाते हैं तो आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।'
जाकिर मूसा उर्फ जाकिर रशीद कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर आतंकी बन गया था। वह साल 2013 से कश्मीर घाटी में सक्रिय था। वह कश्मीर में इस्लामिक मूवमेंट चलाना चाहता था। उसने कश्मीर में अपना अलग संगठन अंसार-उल-गजवत-उल-हिंद बनाया था। इसे कश्मीर घाटी में आईएसआईएस का मुखौटा कहा जाता है। इसे आईएसजेके नाम से भी जाना जाता है। हालांकि मूसा के संगठन में बहुत कम आतंकी बचे थे। वह इससे पहले प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी था। उसने साल 2013 से 2017 तक हिजबुल के लिए काम किया। वह हिजबुल के कुख्यात बुरहान वानी गैंग का सदस्य था।
जाकिर मूसा को दफनाने के दौरान बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। कश्मीर घाटी में ऐसे कई युवा हैं जो आतंकियों से सहानुभूति रखते हैं और जाकिर मूसा तथा बुरहान वानी जैसे आतंकी कमांडरों को अपना हीरो मानते हैं। आतंकियों के समर्थन में किए गए कुछ ट्वीट इस प्रकार हैं -
we're the nation who love to die in the battlefield, not on bed.
— Kifayat Bashir (@KifayatBashir5) May 23, 2019
We will fight, we will rise!
May Allah exalt your stature, #ZakirMusa (Shaheed Insha'Allah). pic.twitter.com/G6dONbv9wX
Amidst heavy rain thousands gathered to attend funeral and have last glimpse of braveheart #ZakirMusa
— Koshur_Munda (@MundaKoshur) May 24, 2019
Another referendum in favor of Freedom. #Tral #Kashmir pic.twitter.com/nHu2Jkt0dn
Farewell O commander........
— Wani EmRan (@WEMRaN11) May 26, 2019
You are the Seed we sowed in our Hearts & in sha Allah someday we will Rise to bear the fruits of your ideology, legacy & Bravery......
You lived dignified life & died in honour & pride we salute you.... ☝️#ZakirMusa pic.twitter.com/kEl6ZEpEAh
यह पहली बार नहीं है जब लोग आतंकियों के समर्थन में सामने आए हैं या उन्होंने सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठाए हैं। फरवरी में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले में 40 से ज्यादा जवानों की शहादत के बाद कुछ लोग सोशल मीडिया पर इसका जश्न मना रहे थे। इस कार्रवाई को सही ठहराने की कोशिश कर रहे थे।
Last Updated May 26, 2019, 5:26 PM IST