प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को निशाना बना रहे आतंकवादी संगठनों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि देश हमेशा पीड़ित नहीं रह सकता। पुलवामा और उरी में हुए आतंकवादी हमलों का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘बहुत हो गया।’ उन्होंने कहा, ‘हम अनंत काल तक पीड़ित नहीं रह सकते।’

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ के 50वें स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश दुश्मन पड़ोसी का सामना कर रहा हो और सीमा पार से देश के भीतर हो रही साजिशों को शह मिल रही हो, तो ऐसे में सीआईएसएफ जैसे सुरक्षा बलों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब पड़ोसी बहुत शत्रुतापूर्ण हो और युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं रखता हो और सीमा पार से देश में साजिश कर रहे तत्वों को शह मिल रहा हो और इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों में जब आतंक का भयावह चित्र सामने आए, तब देश और संस्थानों की सुरक्षा (सुनिश्चित करना) बहुत चुनौतीपूर्ण होता है।’ 

मोदी ने यह भी कहा कि वीआईपी संस्कृति कभी-कभी सुरक्षा संरचना में अवरोध पैदा करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को कभी-कभी कुछ फैसले पड़ते हैं, इसलिए कुछ मजबूत कदम उठाए। सीआईएसएफ को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि व्यक्ति की सुरक्षा करना आसान है लेकिन संस्थान की सुरक्षा करना मुश्किल है जहां रोजाना करीब 30 लाख लोग आते हैं।

सीआईएसएफ के जवानों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, 'आपके जिम्मे यात्रियों की सुरक्षा है। आपके हाथ में देश के औद्योगिक प्रतिष्ठान हैं। किसी वीआईपी की सुरक्षा देने से कहीं बड़ा आपका काम है। आप अपना काम कितनी मुस्तैदी से निभाते हैं, मैं खुद इसका साक्षी हूं। एक बार मेरे साथ एक बहुत बड़े नेता यात्रा कर रहे थे। एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच में कोई छूट नहीं दी गई, वह बेहद नाराज हो गए। फ्लाइट जब लैंड हुई तो मैंने कहा, मैं आगे चला जाता हूं ताकि पहले मेरी सुरक्षा हो। यह आपकी शक्ति और मुस्तैदी है कि आप सुरक्षा को इतना अहम मानते हैं।' 

प्रधानमंत्री मोदी ने सीआईएसएफ के मानवीय कार्यों और शांति काल में अहम भूमिका निभाने की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'आपका काम बहुत महत्वपूर्ण है। जब विदेशी देशों में आपदा आई तो सीआईएसएफ के जवानों ने जान हथेली पर लेकर मदद की। नेपाल और हैती में हुए भूकंप में आपके राहत कार्यों की सराहना अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी की। जब पड़ोसी मुल्क लड़ने में सक्षम न हो तब वह आतंरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। यह आतंकवाद का दूसरा चेहरा है और ऐसे वक्त में भी आप देश को एकजुट रखने में जुटे रहते हैं।'

प्रधानमंत्री ने सीआईएसएफ में महिला सुरक्षाकर्मियों की बड़ी भागीदारी को भी देश के लिए महत्वूपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि वर्दी पहननेवाली बेटियों की संख्या सीआईएसएफ में सबसे ज्यादा है और मैं बेटियों के साथ उनकी माओं का भी अभिनंदन करता हूं।