ईवीएम हैकिंग को लेकर तेज होते सियासी संग्राम के बीच चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को एक पत्र लिखा है। इसमें पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच करने की मांग की है। आयोग ने कहा कि लंदन में हुए हैकथॉन में तथाकथित हैकर सैयद शुजा द्वारा किए गए दावों की जांच की जाए। शुजा ने दावा किया था कि भारत में इस्तेमाल होने वाले ईवीएम हैक किए जाए सकते हैं। 2014 के चुनाव के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी। आयोग ने दिल्ली पुलिस को लिखा है कि सैयद शुजा ने आईपीसी की धारा 505 (1) का कथित तौर पर उल्लंघन किया है। यह धारा दहशत पैदा करने वाली अफवाह फैलाने से जुड़ी है।

उधर, इन दावों के बाद सत्ताधारी भाजपा और विरोधी दलों में भी जुबानी जंग छिड़ गई है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने इस तथाकथित हैकथॉन में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि राहुल गांधी चुनाव हारने के डर से यह खुराफात करवा रहे हैं। उन्होंने कहा, ' 2019 के चुनाव में कांग्रेस हारने का बहाना अभी से ढूंढ रही है। राहुल और उनकी पूरी टीम होमवर्क नहीं करती है, यह भी अब पता चल गया है। राहुल चुनाव हारने के लिए क्या-क्या खुराफात करेंगे।' 

हैकथॉन का कांग्रेस कनेक्शनः भाजपा

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लंदन में संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने वाली ‘इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन’ के प्रमुख आशीष रे हैं। वह एक ‘समर्पित कांग्रेसी’ हैं। वह अक्सर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समर्थन में टिप्पणियां करते रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आशीष कांग्रेसी मुखपत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ में लिखते हैं, सोशल मीडिया पर कांग्रेस के लिए ‘प्रचार’ करते हैं। उन्होंने अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।

प्रसाद ने कहा कि उन्होंने लंदन में राहुल गांधी की सभा को भी आयोजित किया था। प्रसाद ने कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल की उपस्थिति पर सवाल उठाए। प्रसाद ने इसे कांग्रेस द्वारा प्रायोजित अभियान बताते हुए कहा, ‘सिब्बल वहां क्या कर रहे थे? वह किस औहदे से वहां मौजूद थे? मेरा आरोप यह है कि वह कांग्रेस की तरफ से कार्यक्रम पर नजर रखने के लिए वहां थे। यह कांग्रेस द्वारा प्रायोजित साजिश थी जिसका उद्देश्य भारतीय लोकतंत्र और चुनाव आयोग को बदनाम करना है।’भाजपा नेता ने सिब्बल के इस दावे को भी खारिज किया कि वह निजी तौर पर वहां मौजूद थे। प्रसाद ने कहा कि वह वहां मौजूद होने के असर को भलीभांति जानते हैं। उन्होंने दावा किया कि सिब्बल जानबूझकर वहां मौजूद थे।

कांग्रेस ने कहा, आरोपों की जांच हो

उधर, कपिल सिब्बल ने कहा है कि ईवीएम की हैकिंग से जुड़े स्वयंभू साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा का दावा ‘बहुत गंभीर’ है और इसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि यह भारत में लोकतंत्र के भविष्य से संबंधित विषय है। ‘जो आरोप शुजा ने लगाए हैं, उनकी जांच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट और कानून कहता है कि प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। अगर कोई आरोप लगा रहा है तो यह पता करना जरूरी है कि आरोप सही हैं या नहीं। अगर आरोप गलत हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई करिए। अगर आरोप सही हैं तो यह बहुत गंभीर चीज है।’ उन्होंने कहा, ‘यह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव का मुद्दा है। मुद्दा यह है कि क्या ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। यह भारत के लोकतंत्र के अस्तित्व से संबंधित मुद्दा भी है।’ 

अखिलेश बोले, जापान में भी तो इस्तेमाल नहीं होती ईवीएम

इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि 'अगर सब कुछ ठीक है तो जापान जैसे विज्ञान और तकनीकी रूप से विकसित देश मशीन का इस्तेमाल क्यों नहीं करते। जरूरी है कि देश के लोकतंत्र पर जनता का भरोसा हो ।' अखिलेश ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर कर रही है । उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। 

अखिलेश ने कहा कि सपा बसपा गठबंधन ने लोगो को आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिये एक मजबूत विकल्प दिया है। समाजवादी पार्टी सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति 'अपार सम्मान' के बावजूद देश की सबसे पुरानी पार्टी को उत्तर प्रदेश में चुनावी गठबंधन से इसलिए बाहर रखा ताकि 'चुनावी अंकगणित' को सही रखते हुए भाजपा को मात दी जा सके। चुनावों के बाद कांग्रेस के साथ काम करने की संभावना को खारिज किए बिना अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनके संबंध अच्छे हैं और वह 'खुश' होंगे अगर अगला प्रधानमंत्री उनके गृह राज्य से हो।

मायावती ने कहा, 2019 के चुनाव बैलेट पेपर से हों

बसपा अध्यक्ष मायावती ने ईवीएम को हैक किए जाने के एक साइबर विशेषज्ञ के दावे का हवाला देते हुये चुनाव आयोग से अगला लोकसभा चुनाव मतपत्र से ही कराए जाने की मांग की है। लोकतंत्र के व्यापक हित में ईवीएम विवाद पर तत्काल समुचित ध्यान देने की जरूरत व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा, वोट हमारा राज तुम्हारा, नहीं चलेगा, इसलिये जनता की इस आशंका का समय पर संतोषजनक समाधान होना जरूरी है। मायावती ने सुझाव दिया कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए मतपत्रों द्वारा मतों के सत्यापन की बेहतर व्यवस्था संभव है, जबकि ईवीएम के सत्यापन की ऐसी कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। इसके मद्देनजर उन्होंने चुनाव आयोग से ईवीएम के ताजा विवाद पर संज्ञान लेते हुये देश में अगला लोकसभा चुनाव मतपत्रों से ही कराए जाने की मांग की। 

मायावती ने कहा ‘वास्तव में ईवीएम से आम चुनाव में चुनावी धांधली के आरोप से देश की जनता इतनी आशंकित और भयभीत हो गई है कि उसे अब लगने लगा है कि उसका अपना वोट अब उसका अपना नहीं रहा है। इस कारण से ही भाजपा केंद्र ही नहीं बल्कि देश के ज्यादातर राज्यों में सत्ता में आ गई है।’इसके मद्देनजर उन्होंने मतपत्र को ही एकमात्र विश्वसनीय विकल्प बताते हुये चुनाव आयोग से ईवीएम के बजाय मतपत्र से चुनाव कराने की मांग की है।