आज़मगढ़. प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंड इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के अध्यक्ष रहे मौलाना शाहिद बद्र को गुजरात पुलिस ने 18 साल पुराने देशद्रोह और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में जारी वांरंट के मामले में उसे उसके क्लीनिक से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद शाहिद ब्रद के समर्थकों ने गुजरात पुलिस को रोकने को प्रयास किया। जिसके बाद भारी संख्या में पहुंची पुलिस फोर्स ने उसे नगर कोतवाली लेकर पहुंची । जहां उसके समर्थक और वकील ने ट्राजिट रिमांड के बाद ही गुजरात लेकर जाने की मांग की। शाहिद बद्र की गिरफ्तारी के बाद आजमगढ़ एक बार फिर से सुर्खियों में है।
 
शहर कोतवाली के मनचोभा गांव के रहने वाले डा0 शाहिद बद्र को गुरुवार की रात में क्लीनिक बंद करते समय गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गुजरात पुलिस ने वर्ष 2001 में कच्छ जिले के भुज थाने में देशद्रोह और सरकारी कार्य में बाधा डालने में चल रहे एक मुकदमे में गुजराज कोर्ट द्धारा जारी वारंट के आधार पर पुलिस गिरफ्तारी करने आज आजमगढ़ पहुंची। उन्हे क्लीनिक से गिरफ्तार करने की खबर के बाद बड़ी समर्थको और उनके वकील नगर कोतवाली में धमक पड़े। डा0 शाहिद बद्र के वकीलों को कहना है कि गुजरात पुलिस उनको सीधे गुजरात न ले जाकर आजमगढ़ जिले से ट्राजिट रिमांड लेनी चाहिए।


वही एसपी सिटी पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि देशद्रोह और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा गुजरात में चल रहा था। इसी मामले में गुजरात पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की है । उसके साथ दिल्ली में चार, बहराइच में एक और गोरखपुर, आजमगढ़ में एक-एक मुकदमो के साथ अन्य जनपदों में भी वांछित होने का मामला प्रकाश में आया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने शाहीद बद्र की हिस्ट्रीशीट खोल दी है।