केन्द्रीय राजनीति में जाने की अटकलों को खारिज करते हुए मध्य प्रदेश के निर्वतमान सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि वह प्रदेश में ही रह कर जनता की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में मरेंगे और यहीं पर रहेंगे। अब से वह पार्टी के कार्यालय में रोजाना बैठेंगे। ताकि जनता की शिकायतों को सुना जा सके। शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे उन्हें पहली बार 2005 में राज्य का सीएम नियुक्त किया गया था और उसके बाद उन्होंने लगातार तीन बार राज्य की सत्ता संभाली। लेकिन चौथी बार कांग्रेस ने भाजपा को हराया है।

हालांकि अभी तक कांग्रेस ने सीएम को लेकर किसी का नाम तय नहीं किया है, लेकिन कमलनाथ के नाम पर विधायकों ने रजामंदी दे दी है। बुधवार को ही शिवराज सिंह ने कमलनाथ को चुनाव जीतने पर बधाई दी है। असल में कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। अब शिवराज का कहना है कि वह अब नियमित बीजेपी कार्यालय में बैठेंगे। ताकि जनता की शिकायतों को सुना जा सके। शिवराज सिंह ने कहा कि इस चुनाव में मिली हार के लिए वह जिम्मेदार हैं। इस चुनाव में भाजपा को 109 और कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि शिवराज प्रदेश की राजनीति में रहने के लिए फिर से प्रदेश इकाई की कमान संभालना चाहते हैं। जब 2005 में उन्हें सीएम नियुक्त किया था तब भी वह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे। शिवराज सिंह 13 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे और अब कहा जा रहा है कि भाजपा उन्हें केन्द्र की राजनीति में लाना चाहती है। लिहाजा इसके लिए शिवराज सिंह चौहान ने बयान दिया है कि वह फिलहाल केंद्र की राजनीति नहीं करेंगे। ये भी कहा जा रहा है कि शिवराज 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

शिवराज सीएम बनने से पहले दो बार सांसद भी रह चुके हैं। उधर आज मीडिया से बात करते हुए शिवराज ने कहा कि मैं केंद्र में नहीं जाऊंगा। प्रदेश में ही जिऊंगा और यहीं पर मरूंगा शिवराज के इस बयान से साफ होता है कि वह फिलहाल प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहना चाहते हैं।