लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव को उस वक्त ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा जब जेसीबी लेकर जमीन कब्जाने जा रहे थे। ग्रामीणों ने वकीलों के साथ एकजुट होकर उनका विरोध किया तो वह वहां से भागने के लिए मजबूर हो गए। हालांकि डीजीपी जगमोहन यादव का कहना है कि ये जमीन उनकी है।

मामला लखनऊ के गोसाईंगंज थाने के हरिहरपुर इलाके का है। जहां पर कई लोगों के साथ जेसीबी लेकर जमीन कब्जाने पहुंचे पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव को ग्रामीणों का विरोध का सामना करना पड़ा। जमीन पर कब्जे की जानकारी वकीलों को मिली तो वह बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए।

इसके बाद वहां पर जमकर हंगामा और लोगों ने पुलिस को बुला लिया। इसके बाद वहां पर उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर चंदन सिंह पटेल व क्षेत्राधिकारी मोहनलालगंज राजकुमार शुक्ल भी पहुंचे और हालत को नियंत्रण में किया।

हालांकि डीजीपी दावा कर रहे थे कि वो जमीन उनकी है। लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि जमीन उनकी है। इसके बाद दोनों अफसरों ने काम रुकवाने के साथ ही जमीन की जांच तक यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक शहीद पथ के पास हरिहरपुर ग्राम पंचायत के मजरा हसियामऊ के पास करोड़ों  की जमीन को लेकर पूर्व मंत्री बलराम यादव के बेटे विजय यादव और पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव में तनातनी चल रही है। दोनों पक्षों का दावा है कि ये जमीन उनकी है। इसी जमीन पर कब्जे के लिए पूर्व डीजीपी कई लोगों के साथ पहुंचे।

लेकिन दूसरे पक्ष के लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो सैकड़ों की संख्या में वह वहां पर जुट गए और सभी अपने करीबियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद वहां पर वकील भी जुट गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह का रुकवा स्थिति संभाली।

एसडीएम सरोजनीनगर ने दो दिन में जांच करवा विवाद निपटने का आश्वासन दिया। फिलहाल जमीन का मामला कोर्ट में लंबित है। वहीं स्थानीय लोगों ने पूर्व डीजीपी पर आरोप लगाया कि वह अपने रूतबे और पुलिस की मदद से जबरन कब्जा करना चाहते हैं। हालांकि जगमोहन यादव का कहना है कि उनके पास जमीन के सभी कागजात हैं।