तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कुणाल घोष का कहना है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर सबूतों से छेड़छाड़ कर रहे हैं। उनका बयान कुछ इस प्रकार है 'आज मैंने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई है कि संयुक्त पूछताछ के पहले दिन कुछ नाम सामने आए थे, जो इस मामले में महत्वपूर्ण गवाह हो सकते हैं। उस रात, शिलॉन्ग के सीबीआई ऑफिस से गेस्ट हाउस लौटने के बाद राजीव कुमार ने उन नामों के साथ सम्पर्क किया।' 

कुणाल घोष ने कहा, 'मैने पहले दिन से ही जांच में सहयोग किया है। मुझे सीबीआई ने अपने शिलॉन्ग दफ्तर में बुलाया था। मैं वहां गया और जांच में पूरा सहयोग दिया। जांच का हिस्सा होने के नाते मुझसे और राजीव कुमार से संयुक्त रूप से पूछताछ की गई।'

घोष ने बताया कि 'मैंने सीबीआई को एक पत्र लिखा है, जिसमें मैंने कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार पर स्पष्ट तरीके से आरोप लगाया है कि शिलांग में मेरे साथ संयुक्त रूप से पूछताछ किए जाने के बाद उपजे सबूत के साथ वह छेड़छाड़ कर सकते हैं।' 

कुणाल घोष ने सीबीआई से यह भी मांग की है कि उन्हें बीजेपी नेता मुकुल रॉय के साथ बिठाकर संयुक्त रूप से पूछताछ की जानी चाहिए, क्योंकि यह सीबीआई के लिए मददगार हो सकता है।

सारदा और रोजवैली चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई ने लगातार चौथे दिन कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ की। 

राजीव कुमार से शनिवार से पूछताछ की जा रही है। शनिवार और रविवार को राजीव कुमार और टीएमसी के पूर्व सांसद कुणाल घोष को साथ बिठाकर पूछताछ की गई। 

बता दें कि कुणाल घोष को साल 2013 में सारदा घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद वह साल 2016 से ही हिरासत में हैं। फिलहाल कुणाल घोष से पूछताछ पूरी हो चुकी है और  उन्हें कोलकाता लौटने की इजाजत दे दी गई है। 

इससे पहले सीबीआई की टीम तीन फरवरी को पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने कोलकाता के उनके आवास पर पहुंची थी।  लेकिन कोलकाता पुलिस ने सीबीआई अधिकारियों को ही हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस कमिश्नर के समर्थन में धरना दे दिया था। 

 जबरदस्त राजनीतिक हंगामे के बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जिसने राजीव कुमार से पश्चिम बंगाल की सीमा के बाहर पूछताछ की इजाजत दे दी।