चुनाव आयोग ने कहा, ईवीएम फुलप्रूफ है। वह प्रेरित छींटाकशी और कमजोर तथ्यों के आधार पर किए जा रहे दावों में पक्षकार नहीं बनना चाहता।
चुनाव आयोग ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ को लेकर लंदन हैकथॉन में किए जा रहे दावों को खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई की संभावनाएं तलाशेगा। यह भी देखा जाएगा कि कौन-कौन से दूसरे कदम उठाए जा सकते हैं।
आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारे संज्ञान में आया है कि ईवीएम को लेकर लंदन में चल रही एक कार्यक्रम के दौरान कुछ दावे किए गए हैं। इनमें कहा गया है कि भारत में इस्तेमाल हो रही ईवीएम में छेड़छाड़ की जा सकती है। आयोग का साफतौर पर कहना है कि ईवीएम फुलप्रूफ है। चुनाव आयोग इस तरह की प्रेरित छींटाकशी और कमजोर तथ्यों के आधार पर किए जा रहे दावों में पार्टी नहीं बनना चाहता।
Election Commission: It has come to our notice that an event claiming to demonstrate EVMs used by ECI can be tampered with,has been organised in London. ECI has been wary of becoming a party to this motivated slugfest & stands by empirical facts about foolproof nature of ECI EVMs pic.twitter.com/bACXaDfzqN
— ANI (@ANI) January 21, 2019
EC: These EVMs are manufactured in Bharat Electronics Ltd. & Electronics Corporation of India Ltd. under very strict supervisory&security conditions.There are rigorous Standard Operating Procedures observed under supervision of a Committee of technical experts constituted in 2010 https://t.co/NAgRYcAqIB
— ANI (@ANI) January 21, 2019
Election Commission of India on event claiming to demonstrate EVMs used by ECI can be tampered with, organised in London: It is being separately examined as to what legal action can and should be taken in the matter. pic.twitter.com/b4DCgONl94
— ANI (@ANI) January 21, 2019
आयोग ने कहा कि ईवीएम को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन द्वारा बनाया जाता है। ईवीएम को कड़ी निगरानी और सुरक्षा में तैयार किया जाता है। 2010 में गठित तकनीकी विशेषज्ञों की एक कमेटी की निगरानी में इनके निर्माण के दौरान निर्धारित कड़ी प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
इससे पहले, लंदन में चल रहे हैकथॉन में एक अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। 2014 के आम चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी की गई थी। उसका दावा है कि भाजपा के नेता गोपीनाथ मुंडे ईवीएम को हैक करने की जानकारी रखते थे, इसीलिए 2014 में उनकी हत्या कर दी गई थी। भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को डिजाइन करने वाले एक्सपर्ट ने यह भी दावा किया है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी धांधली हुई थी। खास बात यह है कि इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (यूरोप) की तरफ से लंदन में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल भी मौजूद थे। कांग्रेस लंबे समय से ईवीएम पर सवाल उठाती रही है, जबकि चुनाव आयोग ने हमेशा ईवीएम के फूलप्रूफ बताया है।
यहां विशेषज्ञों की ओर से कहा गया कि ईवीएम को ब्लूटूथ की मदद से हैक नहीं किया जा सकता है। ग्रेफाइट आधारित ट्रांसमीटर की मदद से ही ईवीएम को खोला जा सकता है। इन ट्रांसमीटरों का इस्तेमाल 2014 के चुनाव में भी किया गया था। एक्सपर्ट का दावा है कि कोई व्यक्ति ईवीएम के डेटा से छेड़छाड़ करने के लिए लगातार पिंग कर रहा था। ईवीएम हैक करने में रिलायंस कम्युनिकेशन भाजपा की मदद करता है। इस एक्सपर्ट का यह भी दावा है कि दिल्ली के चुनाव में भाजपा ने इसे रुकवा दिया था इसलिए पार्टी यह चुनाव हार गई थी।
Last Updated Jan 21, 2019, 8:01 PM IST