इससे पहले कि सातवें चरण की पोलिंग खत्म हो और सभी एजेंसियां अपना-अपना एक्जिट पोल का आंकड़ा लेकर आएं, यह जान लेना भी जरूरी है कि पिछले लोकसभा चुनावों में नतीजों से ठीक पहले किस एक्जिट पोल एजेंसी ने क्या आंकड़ा जनता को दिखाया और फिर नतीजों के बाद वास्तविक आंकड़े कहां बैठे।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए प्रचार और वोटिंग का सिलसिला अप्रैल में शुरू हुआ और सातवें चरण की वोटिंग के साथ अब थम जाएगा. चुनाव के नतीजों के लिए देश की जनता को 23 मई की शाम तक इंतजार करना होगा हालांकि उससे पहले 19 मई की शाम को देशभर में दर्जनों एजेंसियां और मीडिया हाउस एक्जिट पोल के नतीजे लेकर आ जाएंगे।
हालांकि देश के चुनावी प्रक्रिया में यह जरूरी नहीं है कि एक्जिट पोल की भविष्यवाणी एकदम सटीक बैठे लेकिन इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता कि वोटों की गिनती से पहले एकजिट पोल देश में बनने वाली नई सरकार का कयास लगाने में रोमांच पैदा करता है।
लिहाजा, इससे पहले कि सातवें चरण की पोलिंग खत्म हो और सभी एजेंसियां अपना-अपना एक्जिट पोल का आंकड़ा लेकर आएं, यह जान लेना भी जरूरी है कि पिछले लोकसभा चुनावों में नतीजों से ठीक पहले किस एक्जिट पोल एजेंसी ने क्या आंकड़ा जनता को दिखाया और फिर नतीजों के बाद वास्तविक आंकड़े कहां बैठे।
पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में वोटों की गिनती 16 मई को हुई। अंतिम नतीजों में बीजेपी को 282 सीटों पर जीत मिली थी. यानी, लोकसभा में कुल 545 सदस्यों में जहां सरकार के लिए आधी सीट 272 जादुई आंकड़ा था, बीजेपी अकेले सरकार बनाने के लिए जनता द्वारा चुनी गई. वहीं बीजेपी-एनडीए गठबंधन को 336 सीटें मिली जिसके चलते बीजेपी के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार ने केन्द्र की सत्ता अपने हाथ में ली।
2014 के एक्जिट पोल की खास बात यह भी है कि जहां सभी एजेंसियों ने बीजेपी के लिए 200 से अधिक सीट की भविष्यवाणी की और महज टाइम्स नाउ-सीएसडीएस को छोड़कर सभी एक्जिट पोल ने कांग्रेस को 100 सीट से कम का आंकलन किया था। वहीं इस साल के एक्जिट पोल में एक खास बात यह भी थी कि सभी ने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 80 में 45 सीटों से अधिक पर जीत की भविष्यवाणी की थी हालांकि अंतिम नतीजे सभी को हैरान करने वाले रहे क्योंकि बीजेपी ने प्रदेश में कुल 71 सीट पर जीत हासिल कर रिकॉर्ड कायम कर दिया।
Last Updated May 19, 2019, 1:22 PM IST