फानी तूफान तेजी के साथ ओडिशा के तट से टकरा गया है। इसके कारण पुरी और उसके आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है।  इस तूफान के कारण 11.5 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। इस भीषण तूफान के खतरे को देखते हुए आपदा प्रबंधन की एजेंसियां अभी से बचाव कार्यों में जुट गयी हैं। फिलहाल इस तूफान के कारण पुरी और आसपास के जिलों से पर्यटकों को बाहर निकाला जा रहा है।  

ऐसा माना जा रहा है कि ये तूफान 43 सालों का सबसे भीषण तूफान है और इसका प्रभाव ओडिशा के साथ ही अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। इससे करीब  11.5 लाख लोगों के प्रभावित होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। फिलहाल ये तूफान ओडिशा के तटीय इलाकों से टकराएगा और फिर इसकी रफ्तार 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हो सकती है। फानी' के पुरी के दक्षिणी भाग चांदबाली और गोपालपुर के बीच ओडिशा तट को पार करने की आशंका जताई जा रही है। इस तूफान के कारण पुरी में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से हवा चल रही है।

साथ ही बारिश भी हो रही है। जानकारी के मुताबिक इस तूफान का केन्द्र पुरी से करीब 360 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम से 190 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और पश्चिम बंगाल के दीघा में 550 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में है। फिलहाल राज्य सरकार केन्द्र सरकार के साथ मिलकर बचाव कार्य में जुटी है।

पुरी से पर्यटकों को बाहर निकाला जा रहा है और उन्हें भुवनेश्वर भेजा रहा है। ये तूफान अभी पुरी से 60 किलोमीटर की दूरी पर है ये 11 बजे तक कभी टकरा सकता है। ये तूफान राज्य के 13 जिलों में 10 हजार से ज्यादा गांवों और 52 कस्बों पर कहर बरपा सकता है। केन्द्र सरकार ने तीनों सेनाओं व अन्य एजेंसियों को पहले ही अलर्ट कर दिया है। यह तूफान तेजी से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ रहा है।

पहले भी आ चुका है फानी

फानी तूफान पहले भी ओडिशा में चुका है। सन् 1999 में इस तूफान के कारण करीब 10 हजारों लोगों की मौत हो गयी थी और हजारों लोग बेघर हो गए। हालांकि इस बार सरकार ने पहले से बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं ताकि जानमाल का नुकसान न पहुंचे। कल ही दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी ने इस तूफान से बचाव के लिए राहत कार्य शुरू करने के लिए एक बैठक की। फिलहा इसके लिए एनडीआरएफ के 4000 जवान तैनात किए गए हैं। करीब 50 टीमें ओडिशा, आंध्र व बंगाल के तटीय इलाकों में पहले से तैनात कर दी गई हैं जबकि 31 को रिजर्व में रखा गयाहै। इसके साथ ही राज्य सरकार की एसडीआरएफ की टीमें इसके लिए जुटी हैं।

उड़ानें और कई ट्रेने रद्द

इस भीषण तूफान को देखते हुए तीन से चार मई के बीच भुवनेश्वर और कोलकाता एयरपोर्ट के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। यहां पर इस दौरान कोई विमान यहां लैंड भी नहीं करेगा। वहीं कोलकाता-चेन्नई रूट पर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों से गुजरने वाली 223 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। हालांकि रेलवे ने पर्यटकों को वहां से उनके गंतव्य में पहुंचाने के लिए तीन विशेष ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है।