कश्मीरी नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने पुलवामा हमले के शहीदों पर ऐसा सवाल उठाया है। जिसे देखकर उनकी मानसिकता का अंदाजा होता है।   

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के शहीद जवानों की संख्या पर सवाल उठाने की गुस्ताखी की है। उन्होंने इस आतंकी कार्रवाई में मारे गए जवानों की शहादत की तुलना नक्सलियों के हाथो मारे गए जवानों से की है। 

शायद ऐसा करने के पीछे फारुक अब्दुल्ला का मकसद कश्मीरी आतंकियों को क्लीन चिट देना है। फारूक ने यहां तक कह दिया कि उन्हें इस बात पर भी शक है कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की वास्तव में शहादत हुई भी है। 

फारूक ने एक कार्यक्रम के दौरान दिए अपने भाषण में कहा कि 'छत्तीसगढ़ में हिंदुस्तान के कितने जवान शहीद हुए? क्या मोदीजी कभी उन पर फूल चढ़ाने गए? मगर वे 40 लोग सीआरपीएफ के शहीद हो गए, मुझे उसका भी शक है।'

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यही नहीं फारुक अब्दुल्ला ने देश की नवीनतम उपलब्धि मिशन शक्ति पर भी सवाल उठाया और इसका श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दे दिया।  

पिछले दिनों पुलवामा में आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर इसका बदला लिया था। हालांकि विपक्ष के कई नेताओं ने इस एयर स्ट्राइक पर शक जताया था। अब फारूक ने शहीद जवानों की संख्या पर भी शक जताया है।