नई दिल्ली। आतंकियों को की जाने वाली फंडिंग को लेकर पाकिस्तान घिरता जा रहा है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से आतंकियों पर अभी तक की गई कार्यवाही पर रिपोर्ट मांगी है।  एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा कि वह इसके आंकड़े भी मुहैया कराए कि अभी तक उसने आतंकी संगठनों पर किस तरह की कार्यवाही की है। फिलहाल अगले साल फरवरी में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में शामिल किए जाने की पूरी संभावना है। जबकि अभी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में है।

असल में कुछ दिनों पहले एफएटीएफ में पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट होने से बच गया है। क्योंकि पाकिस्तान के नापाक दोस्त चीन, मलेशिया और तुर्की ने पाकिस्तान में वोटिंग की थी। जबकि सभी सदस्य देशों ने पाकिस्तान के खिलाफ वोटिंग की थी। ये दूसरा अवसर था, जिसमें दूसरी बार लगातार पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में रखा गया था। हालांकि पाकिस्तान ने एफएटीएफ को आश्वस्त किया था कि वह पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को बंद करेगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेगा लेकिन अभी तक पाकिस्तान इस तरह की कार्यवाही नहीं कर सका है।

क्योंकि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पर सेना का दबाव है और आतंकी शिविरों को पाकिस्तान की सेना का परोक्ष तौर पर समर्थन रहता है। लिहाजा अभी तक पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों के खिलाफ किसी भी तरह की कोई भी कार्यवाही नहीं कर सका है। हालांकि अभी तक पाकिस्तान को एफएटीएफ फरवरी 2020 तक ‘ग्रे’ लिस्ट में रखा है। अक्टूबर में ही एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा था कि अगर उसने 27 विंदुओं पर काम नहीं किया तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।

लिहाजा एफएटीएफ ने अभी तक की गई कार्यवाही पर पाकिस्तान से रिपोर्ट मांगी  है। हालांकि अभी तक पाकिस्तान ने एफएटीएफ को रिपोर्ट नहीं भेजी है। हालांकि पाकिस्तान की सरकार का कहना है कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्यवाही कर रहा है और उसने इन संगठनों को प्रतिबंधित किया है। लेकिन एफएटीएफ की एशिया पैसिफिक ग्रुप पाकिस्तान की हरकतों और कार्यवाही पर लगातार नजर रखे हुए है।

हालांकि एपीजी ने अक्टूबर में हुई बैठक से पहले पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। लेकिन पाकिस्तान एफएटीएफ में बच गया। क्योंकि पाकिस्तान के तीन दोस्तों ने उसे बचा लिया। लेकिन इस बार पाकिस्तान का बचना मुश्किल हो जाएगा। गौरतलब है कि एफएटीएफ की अगली बैठक 21-24 जनवरी के बीच बीजिंग में प्रस्तावित है। लिहाजा पाकिस्तान ने  फरवरी की तय सीमा को जून 2020 तक बढ़ाने की गुजारिश एफएटीएफ से की है।