असल में राजस्थान में निकाय चुनाव होने हैं। पहले सरकार ने फैसला किया था कि निकायों के प्रमुखों का चुनाव सीधे जनता से कराया जाएगा। लेकिन बाद में सरकार ने इसे बदलते हुए नया आदेश दिया है कि चुने गए प्रतिनिधि ही निकाय प्रमुख का चुनाव करेंगे। ऐसे में विपक्ष दल भाजपा को मौका मिल गया है। जिसके बाद राज्य में राजनीति शुरू हो गई है। 

जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य में होने वाले स्थानीय निकायों औ पंचायत के चुनाव के लिए अपना ही फैसला बदला है। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के यू-टर्न पर वह अपने विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा का कहना है कि हार के डर के कारण अशोक गहलोत ने फैसला बदला है।

असल में राजस्थान में निकाय चुनाव होने हैं। पहले सरकार ने फैसला किया था कि निकायों के प्रमुखों का चुनाव सीधे जनता से कराया जाएगा। लेकिन बाद में सरकार ने इसे बदलते हुए नया आदेश दिया है कि चुने गए प्रतिनिधि ही निकाय प्रमुख का चुनाव करेंगे। ऐसे में विपक्ष दल भाजपा को मौका मिल गया है। जिसके बाद राज्य में राजनीति शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने निकाय के प्रमुखों के चुनाव सीधे न कराकर अप्रत्यक्ष तौर से कराने के फैसले का भाजपा विरोध कर रही है।

हालांकि अभी तक इस फैसले पर राज्यपाल की मुहर नहीं लगी है। लिहाजा माना जा रहा है कि राज्यपाल सरकार के फैसले पर पुर्नविचार करने को कह सकते हैं। हालांकि कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है। इसके बाद सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजेगी। वहां से मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी। वहीं भाजपा का कहना है कि हार के डर के कारण गहलोत सरकार ने अपना फैसला बदला है।

क्योंकि राज्य में कांग्रेस की स्थिति खराब है जबकि जनता फिर भाजपा के साथ हैं। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने जनता के मूड़ को भांपकर यह फैसला लिया है। हालांकि विपक्ष के साथ ही सरकार के लोग भी अशोक गहलोत सरकार के इस फैसले को लेकर अचंभे में हैं। क्योंकि आठ महीने पहले ही सरकार निकाय प्रमुखों के चुनाव सीधे कराए जाने का फैसला लिया था। हालांकि अगर ये फैसला राज्य में लागू होता है तो पार्षद ही निकाय प्रमुख और महापौर का चुनाव करेंगे।

 भाजपा के नेताओं का कहना है कि धारा 370 हटाये जाने के बाद जो महौल बदला है उससे कांग्रेस सीधे चुनाव कराने से डर गई। गौरतलब है कि राजस्थान के 193 निकायों में 4 चरणों में इस वर्ष के अंत से चुनाव होने हैं। पहले चरण में 52 निकायों में नवंबर में चुनाव होने हैं।