अफगानिस्तान में मंगलवार को एक चुनावी रैली में हुए फिदायीन हमले में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। इस महीने होने वाले चुनाव से पहले यह हिंसा की ताजा घटना है।

संसदीय चुनाव के लिए पिछले शुक्रवार को प्रचार की औपचारिक शुरुआत के बाद यह पहला फिदायीन हमला है।

प्रांतीय गवर्नर अताउल्लाह खोग्यानी ने कहा कि, पूर्वी नंगरहार प्रांत के कामा जिले में प्रत्याशी अब्दुल नासीर मोहम्मद के समर्थकों के बीच मौजूद एक फिदायीन ने खुद को उड़ा लिया जिसमें 40 लोग जख्मी हो गए।

उन्होंने पुष्टि की कि मोहम्मद जीवित हैं लेकिन यह नहीं बताया कि वह विस्फोट में जख्मी हुए हैं या नहीं।

प्रांतीय स्वास्थ्य निदेशक नजीबुल्लाह कंवल ने मृतकों की संख्या 14 बताई है।

उन्होंने कहा कि कुछ घायलों की हालत नाजुक है।

एएफपी के एक संवाददाता ने देखा है कि कई एम्बुलेंस प्रांतीय राजधानी जलालाबाद के एक अस्पताल में घायलों और शवों को पहुंचा रही हैं।

अपने घायल रिश्तेदार को अस्पताल लेकर पहुंचे सैयद हुमांयू ने कहा कि मोहम्मद का भाषण सुनने के लिए हॉल में सैकड़ों लोग मौजूद थे तभी फिदायीन ने विस्फोट कर दिया।

उन्होंने बताया, ‘‘ विस्फोट के बाद मैंने देखा कि मेरे चारों ओर शव और खून पड़ा हुआ है। विफोस्ट की वजह से हॉल की छत वहां जमा लोगों पर गिर पड़ी।’’ 

रैली में मौजूद मलिक जरीक ने बताया कि लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं।

हमले की जिम्मेदारी तत्काल किसी समूह ने नहीं ली है लेकिन हाल के महीनों में हुए अधिकतर फिदायीन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट लेता आया है।

अफगानिस्तान में लंबे वक्त से टलते आ रहे संसदीय चुनाव में हिंसा हो रही है। यह चुनाव 20 अक्टूबर को होंगे।

स्वतंत्र चुनाव आयोग के मुताबिक, लक्षित हत्याओं में पांच उम्मीदवारों का कत्ल किया गया है।

मतदाता पंजीकरण केंद्रों पर कई हमले हुए हैं, जिसमें काबुल के केंद्र पर हुआ फिदायीन हमला भी शामिल है। इस हमले में दर्जनों लोगों की मौत हुई थी।