बीते एक हफ्ते के दौरान माय नेशन ने इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) और निजी मौसम विज्ञान एजेंसी स्काईमेट के हवाले से अपने पाठकों को तूफान से जुड़ी बारीक जानकारियां उपलब्ध कराने का काम किया है। माय नेशन की खबर से जहां आम आदमी को जल्द से जल्द तूफान के प्रति जागरुकता पैदा हुई वहीं केन्द्र और राज्य सरकार के अहम विभागों ने भी पूरी सक्रियता के साथ इस खतरनाक तूफान का सामना करने की तैयारी की।
दक्षिण एशिया में यह हफ्ता बंगाल की खाड़ी में पनपे खतरनाक चक्रवाती तूफान फानी के नाम रहा। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक ही यह चक्रवात पहले ओडिशा के तट पहुंचा और वहीं से पश्चिम बंगाल के इलाकों में अपना कहर दिखाते हुए पड़ोसी देश बांग्लादेश की ओर मुड गया.
यहां तक पहुंचने में तूफान का रुख कमजोर हो चुका है हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि अब अगले 1 से 2 दिनों तक चक्रवात फानी के असर से देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के आंकलन के मुताबिक बांग्लादेश की सीमा में खत्म होने से पहले इस तूफान की चपेट में असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के आने की संभावना है हालांकि चक्रवात की रफ्तार कमजोर पड़ने से अब फानी एक सामान्य साइक्लोन में तब्दील हो चुका है।
चक्रवात फानी की चपेट में आने से जहां ओडिशा में 12 लोगों की मौत की खबर है वहीं बांग्लादेश सरकार ने तूफान से 14 लोगों के मारे जानें का आंकड़ा दिया है। इसके अलावा ओडिशा के तटीय इलाकों समेत बांग्लादेश के तटीय इलाकों में तूफान से संपत्ति का बड़ा नुकसान हुआ है।
बीते एक हफ्ते के दौरान माय नेशन ने इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) और निजी मौसम विज्ञान एजेंसी स्काईमेट के हवाले से अपने पाठकों को तूफान से जुड़ी बारीक जानकारियां उपलब्ध कराने का काम किया है। माय नेशन की खबर से जहां आम आदमी को जल्द से जल्द तूफान के प्रति जागरुकता पैदा हुई वहीं केन्द्र और राज्य सरकार के अहम विभागों ने भी पूरी सक्रियता के साथ इस खतरनाक तूफान का सामना करने की तैयारी की।
India shows once again how simple preventive actions, like evacuating residents by sounding early warning of a coming disaster, can avert mass casualties. Building on its success in the 2014 Cyclone Hudhud, India moved a million people to safety before Cyclone Fani ravaged Odisha
— Brahma Chellaney (@Chellaney) May 4, 2019
जहां ओडिशा में केन्द्र सरकार और राज्य की अहम सुरक्षा एजेंसियों ने युद्ध स्तर पर अभियान चलाते हुए राज्य के तटीय इलाकों से लगभग 11 लाख लोगों को तूफान के प्रभाव क्षेत्र से निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने का काम किया वहीं पश्चिम बंगाल में भी तेज बारिश और तूफान से बचाने के लिए लगभग 40 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का काम किया गया।
ओडिशा में ‘फानी’ चक्रवात से गई 12 लोगों की गई जान
चक्रवाती तूफान ‘फानी’ से ओडिशा में कम से कम 12 लोगों की मौत की खबर है। गर्मी के मौसम में दस्तक देने के एक दिन बाद शनिवार को राज्य के लगभग 10,000 गांवों और शहरी क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत एवं बहाली कार्य किया जा रहा है। मौसम विभाग ने चक्रवात के अध्ययन के बाद इसे एक दुर्लभतम चक्रवात माना है।
ओडिशा में अधिकारियों ने बताया कि 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे इस भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से शुक्रवार को पुरी में तेज बारिश और आंधी आयी। तूफान के कमजोर पड़ने और पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले इसकी चपेट में आये कस्बों और गांवों में बहुत से घरों की छतें उड़ गयीं और कई घर पूरी तरह से बर्बाद हो गये।
ओडिशा में 1 लाख अधिकारी राहत कार्य में जुटे
हवाई सर्वेक्षण करने के लिए रवाना होने से पहले, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक बयान में कहा कि नागरिक समाज संगठनों, एनडीआरएफ, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कर्मियों और एक लाख अधिकारियों के साथ लगभग 2,000 आपातकालीन कर्मचारी, सामान्य जीवन को फिर से बहाल करने के कार्य में लगे हुए हैं।
राज्य सरकार के मुताबिक मयूरभंज जिले में 12 लोगों की तूफान के चपेट में आने से मौत हो गई है। हालांकि कई क्षेत्रों से विस्तृत जानकारी आनी अभी बाकी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात कर चुके हैं और की और तटीय जिलों में चक्रवात के बाद की स्थिति से लड़ने पर अहम चर्चा कर चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में ज्यादा नुकसान नहीं : ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि कुछ घरों के क्षतिग्रस्त होने के अलावा चक्रवात फानी के कारण राज्य में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। चक्रवात शनिवार सुबह पड़ोसी देश बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले और कमजोर हो चुका है।
हालांकि चक्रवात के असर से कोलकाता हवाई अड्डा कुछ देर के लिए ठप पड़ गया था लेकिन शनिवार सुबह नौ बजकर 57 मिनट पर एयरपोर्ट की स्थिति को सामान्य कर लिया गया और सियालदह और हावड़ा स्टेशनों पर ट्रेनों की सेवाएं सामान्य की जा चुकी है। इसके अलावा कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केओपीटी) ने हल्दिया और कोलकाता डॉक पर भी शनिवार सुबह तक स्थिति को सामान्य कर लिया है।
राज्य सरकार का दावा है कि उसने चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए प्रभावित इलाकों से करीब 42,000 लोगों को सुरक्षित जगह तक पहुंचाने का काम किया है. वहीं राज्य में तूफान और बारिश से प्रभावित दीघा और मंदारमोनी इलाके में लगभग सभी नागरिक सेवाएं सामान्य की जा चुकी हैं वहीं कुछ अन्य जगहों पर अभी काम जारी है।
बांग्लादेश में चक्रवात फानी के कहर से 14 लोगों की मौत
चक्रवात ‘फानी’ के शनिवार को बांग्लादेश में दस्तक देने के बाद कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 63 लोगों के घायल होने की सूचना बांग्लादेश सरकार द्वारा दी गई है। बांग्लादेश के अधिकारियों ने कहा है कि 16 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम समय रहते कर लिया गया जिसके चलते किसी बड़े हादसे को टालने में सफलता मिली है।
हालांकि देश के तटवर्ती इलाकों में तटबंधों के टूटने के चलते करीब 36 गांवों में पानी भर गया है। बांग्लादेश के प्रमुख अखबार ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक ज्यादातर मौतें नोआखली और लक्ष्मीपुर सहित आठ जिलों से दर्ज की गई हैं, जो चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
Last Updated May 4, 2019, 9:50 PM IST