पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आखिरकार अपने करीबी अफसर राजीव कुमार का तबादला करना ही पड़ा। राज्य सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का तबादला कर दिया है।
पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आखिरकार अपने करीबी अफसर राजीव कुमार का तबादला करना ही पड़ा। राज्य सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का तबादला कर दिया है और उन्हें कोलकाता पुलिस से सीआईडी में एडीजी के पद पर भेजा गया है। राजीव कुमार से सारदा चिट फंड घोटाला में सीबीआई के द्वारा पूछताछ की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआई को अनुमति दी है। राज्य में सत्ता के गरियारों में ये खबर चल रही है कि कहीं सीबीआई के सामने राजीव कुमार ने ममता के करीबी लोगों के राज तो नहीं खोल दिए हैं और इसलिए उनका तबादला कर दिया गया है। ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले आईपीएस राजीव कुमार को सीआईडी में एडीजी(क्राइम) के पद पर नियुक्त किया गया है। हालांकि ये पद भी काफी अहम माना जाता है।
लेकिन राजधानी कोलकाता में कमीशनर का पद ताकतवर माना जाता है और इस पद पर उसी अफसर को नियुक् किया जाता है जो सरकार का करीबी होता है। असर में राज्य सरकार ने अपनी किरकिरी से बचने के लिए राजीव कुमार का तबादला किया है। क्योंकि ये साफ हो गया था कि ममता सरकार राजीव कुमार को बचा रही है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया था कि राजीव कुमार हजारों करोड़ रुपये के सारदा चिटफंड घोटाले में सबूतों को मिटा सकते हैं। क्योंकि जब इस जांच राज्य सरकार की एसआईटी के जरिए की जा रही थी तब राजीव कुमार एसआईटी के प्रमुख थे।
इसी महीने जब सीबीआई ने कोलकाता में राजीव कुमार से पूछताछ करने की कोशिश की थी तो तब सीबीआई टीम के 5 अधिकारियों को कोलकाता पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इसके बाद इस मामले ने राजनैतिक रूप ले लिया और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजीव कुमार के समर्थन में उनके आवास पर धरने पर बैठ गयी थी और उसके बाद अगले दिन उन्होंने कोलकाता के मेट्रो चैनल पर केन्द्र सरकार के खिलाफ धरना दिया था। इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, जिसके बाद सुनवाई में चीफ जस्टिस गोगोई ने आदेश दिया कि राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए पेश होना होगा और उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी।
Last Updated Feb 18, 2019, 10:23 PM IST